छात्रों को विज्ञान-तकनीक में दक्ष बनाएंगे स्टार्ट अप बूट क्लब्स-किरण माहेश्वरी

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 14 मार्च 2018, 10:37 AM (IST)

जयपुर। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 की बजट घोषणा के तहत स्टार्ट अप बूट क्लब स्थापित करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। जल्द ही प्रदेश के चुनिंदा राजकीय विवेकानन्द माॅडल विद्यालयाें में क्लब्स खोलने की शुरुआत की जाएगी।

माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार प्रथम चरण में प्राथमिकता के आधार पर 71 माॅडल स्कूलों में स्टार्ट अप बूट क्लब स्थापित करने जा रही है। इन माॅडल स्कूलों की स्थापना राज्य के पिछड़े ब्लाॅकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि इन स्टार्ट अप बूट क्लब के माध्यम से विद्यार्थियों में विज्ञान, टैक्नोलाॅजी, आई.टी. के प्रति जागृति उत्पन्न करना है। इन क्लबों में माइक्रो प्रोसेसर बेस इलेक्ट्रोनिक किट, सेंसर किट एवं रोबोटिक किट के संयोजन से विद्यार्थियों में प्रोग्रामिंग के माध्यम से नवाचारों, क्रियात्मकता को बढ़ावा दिया जाएगा।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रतिविद्यालय स्टार्ट अप बूट क्लब में 10 किट एवं प्रथम चरण में 71 माॅडल विद्यालयों में 710 किट वितरित की जाएंगी। इस किट का उपयोग कक्षा 8 से 10 तक के विद्यार्थी कर पाएंगे। इन माॅडल विद्यालयों के शिक्षकों को किट की कार्यप्रणाली को समझाने के लिए 14 से 18 मार्च तक तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। स्टार्ट अप बूट क्लब के माध्यम से राज्य के विद्यार्थी भविष्य में होने वाले टेक्नोलोजी परिवर्तन के लिए तैयार हो पाएंगे एवं उनमें उद्यमशीलता के कौशल का विकास हो सकेगा।

गौरतलब है कि केरल राज्य में भी विद्यार्थियों के लिए माइक्रो प्रोसेसर बेस्ड किट सफलता पूर्वक पूर्ण किया जा चुका है। राज्य सरकार ने इस किट को सेंसर एवं रोबोटिक के साथ जोड़ते हुए एक नवीन एवं अभिनव सेट तैयार करवाया है, जिससे ना केवल स्कूल के विद्यार्थियों में प्रोग्रामिंग में रूचि जागृत होगी बल्कि रोबोटिक्स और सेंसर किट के माध्यम से व्यवहारिक अनुप्रयोग भी सीख पाएंगे।

उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के कार्यक्रम ‘अटल इनोवेशन मिशन‘ में स्कूलों के लिए अटल टिंकर लैब में भी विद्यार्थियों को इन्टरनेट आॅफ थिंग्स, इलेक्ट्रोनिक किट के माध्यम से नवाचार एवं क्रियात्मकता को बढावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे है।

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