बर्मिंघम (इंग्लैंड)। भारत की दिग्गज महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल बुधवार से शुरू हो रहे ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का आगाज वल्र्ड नम्बर-1 ताई जु यिंग के खिलाफ करेंगी। इसके अलावा, महिला एकल वर्ग में सायना के साथ रियो ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु भी भारत का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी। सायना को अपने फॉर्म को बनाए रखने और अगले दौर में प्रवेश के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
हालांकि, वे इस टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय करने वाली एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। साल 2015 में सायना ने इस टूर्नामेंट का रजत पदक अपने नाम किया था। उन्हें खिताबी मुकाबले में स्पेन की कैरोलीना मारिन से हार का सामना करना पड़ा। इस बार वल्र्ड नम्बर-11 सायना का लक्ष्य खिताबी जीत हासिल कर इतिहास कायम करना होगा।
सायना और चीनी ताइपे की खिलाड़ी यिंग के बीच अब तक कुल 14 मैच खेले जा चुके हैं और ऐसे में यिंग जीत के आंकड़ों में 9-5 से आगे हैं। इस साल इंडोनेशिया मास्टर्स के फाइनल में भी सायना को यिंग ने मात देकर उनके हाथ से खिताब छीन लिया। ऐसे में अगर ऑल इंग्लैंड ओपन के पहले ही दौर में सायना अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी यिंग को मात दे देती हैं, तो उनके लिए आगे की राह थोड़ी आसान हो जाएगी। महिला एकल वर्ग के पहले दौर में वल्र्ड नम्बर-4 सिंधु का सामना थाईलैंड की वल्र्ड नम्बर-22 पोर्नपावी चोचुवोंग से होगा।
दोनों के बीच अब तक एक ही मैच हुआ है और उसमें भारतीय खिलाड़ी ने जीत हासिल की है। ऐसे में सिंधु के लिए दूसरे दौर में प्रवेश करना मुश्किल नहीं होगा। सिंधु ने इस टूर्नामेंट में अभी तक खास सफलता हासिल नहीं की है। पिछले साल वह इसके क्वार्टर फाइनल तक का सफर ही तय कर पाई थीं और यह उनका इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। सिंधु का लक्ष्य भी खिताबी जीत ही होगा।
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पुरुष एकल वर्ग में बी. साई प्रणीत, एच.एस. प्रणॉय और किदांबी श्रीकांत
भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इसमें पहले दौर में सबसे कड़ी
परीक्षा वल्र्ड नम्बर-14 प्रणीत देंगे। प्रणीत का पहला ही मुकाबला दक्षिण
कोरियाई खिलाड़ी और वल्र्ड नम्बर-4 सोन वान हो से होगा। उनके खिलाफ अब तक
खेले गए तीन मैचों में से एक में भी प्रणीत को जीत नहीं मिली। ऐसे में
दूसरे दौर में पहुंचने के लिए उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।
इसके
अलावा, वल्र्ड नम्बर-12 प्रणॉय के लिए भी पहला मैच अग्निपरीक्षा से कम
नहीं होगा। उनका सामना वल्र्ड नम्बर-8 चीनी ताइपे के खिलाड़ी चोउ तिएन चेन
से होगा। दोनों के बीच भी कुल तीन मैच खेले जा चुके हैं और तीनों में चेन
ने जीत हासिल की है। भारत के अग्रणी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी और वल्र्ड
नम्बर-3 श्रीकांत का सामना एक नए प्रतिद्वंद्वी ब्राइस लेवरदेज से होगा।
फ्रांस के ब्राइस और श्रीकांत पहली बार एक-दूसरे आमने-सामने होंगे।
दोनों
के बीच मुकाबले के परिणाम का आंकलन करना थोड़ा मुश्किल है। श्रीकांत के लिए
इस बार इस टूर्नामेंट में खिताबी जीत के जरिए नया इतिहास रचने का शानदार
मौका है और इस बार उनके लिए अपने लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल नहीं होगा,
क्योंकि उनके चिर प्रतिद्वंद्वी और वल्र्ड नम्बर-1 डेनमार्क के खिलाड़ी
विक्टर एक्सलसेन चोटिल होने के कारण इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं हैं।
ऐसे
में श्रीकांत के पास खिताब जीतकर प्रकाश पादुकोण और अपने कोच पुलेला
गोपीचंद के बाद इंग्लैंड ओपन का खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी
बनने की उपलब्धि हासिल करने और विश्व रैंकिंग में पहला स्थान हासिल करने का
मौका है। भारत के दिग्गज पुरुष बैडमिंटन खिलाडिय़ों में शुमार पादुकोण ने
1980 में और गोपीचंद ने 2001 में ऑल इंग्लैंड का खिताब जीतने वाले पहले
भारतीय खिलाड़ी होने की उपलब्धि हासिल की थी।
गोपीचंद ने इसके बाद 2001
में विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर रहते हुए टूर्नामेंट का खिताब अपने
नाम किया था। पुरुष युगल में मनु अत्री-बी. सुमिथ रेड्डी और सात्विक
साईराजरंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी की जोड़ी मैदान पर उतरेगी। इसके अलावा,
महिला युगल वर्ग में मेघना जकमापुड्डी-एस राम पूर्विशा और अश्विनी
पोनप्पा-एन. सिक्की रेड्डी की जोड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। भारत की
ओर से प्रणव जैरी चोपड़ा और एन. सिक्की रेड्डी एकमात्र जोड़ी है, जो
मिश्रित युगल वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेगी।
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