राजसमंद। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने आयुर्वेद को लोकप्रिय, सस्ती, आसान और निरापद चिकित्सा पद्धति निरूपित करते हुए कहा कि यह पूरी तरह प्रकृति पर आधारित है और इसलिए जो प्रकृति के जितना अधिक करीब होगा, वह सहज स्वाभाविक रूप से स्वस्थ एवं मस्त रहेगा। हम सभी को चाहिए कि प्रकृति के प्रति श्रद्धावान रहते हुए निरन्तर प्राकृतिक परिवेश के नजदीक रहें और सर्वांग स्वास्थ्य लाभ का आनंद पाएं।
उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने रविवार को राजसमन्द के प्रज्ञा विहार में आयुर्वेद विभाग एवं जतन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दुस्तान जिंक राजपुरा, दरीबा कॉम्प्लेक्स के सहयोग से आयोजित पांच दिवसीय आरोग्य मेला एवं चिकित्सा शिविर के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
समारोह में अतिथियों के रूप में उपस्थित सांसद हरिओमसिंह राठौड़, जिलाप्रमुख प्रवेशकुमार सालवी, नगर परिषद के सभापति सुरेश पालीवाल एवं प्रमुख समाजसेवी भंवरलाल, हिन्दुस्तान जिंक के साइट प्रेसीडेंट केसी मीणा, आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक जगदीश प्रसाद शर्मा आदि ने आयोजन की सराहना की और इसे क्षेत्र के लोगों के लिए बेहद उपयोगी बताया।
इससे पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी एवं सांसद हरिओमसिंह राठौड़ ने फीता काटकर आरोग्य मेले एवं चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया। अतिथियों ने आयुर्वेद विभाग द्वारा लगाई गई आयुर्वेद जनजागृति पोस्टर प्रदर्शनी तथा विभिन्न काउन्टर्स का अवलोकन किया तथा जनोपयोगी चिकित्सा पद्धतियों के नवाचारों के प्रयोग की सराहना की।
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शुभारंभ समारोह के आरंभ में स्वागत भाषण लोकेशन हैड केसी मीणा ने दिया,
जबकि अतिथियों का पगड़ी व इकलई से स्वागत आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ.
परमेश्वरलाल आचार्य एवं विभागीय अधिकारियों ने किया।
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समारोह को
संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने आयुर्वेद
चिकित्सकों की मांग पर पिपली आचार्यान में आयुष ग्राम स्थापित करने और
गुडली में 50 शैयाओं वाला आयुर्वेद अस्पताल स्थापित करने सहित राजसमन्द में
आयुर्वेद सेवाओं व सुविधाओं के विस्तार के लिए हरसंभव प्रयास करने का
आश्वासन दिया।
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