किरोड़ी की 'वापसी' पर सबसे आगे रहा खासखबर, इस मिलन से ये होगा फायदा

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 11 मार्च 2018, 10:47 AM (IST)

जयपुर। पूर्व मंत्री व लालसोट विधायक किरोड़ी लाल मीणा (डॉक्टर साब) की भाजपा में वापसी हो गई है। इसके साथ ही भाजपा और राजपा (किरोडी मीणा की पार्टी) एक हो गईँ।, मतलब राजपा का भाजपा में विलय हो गया। 10 साल बाद इस घर वापसी से भाजपा और किरोड़ी मीणा दोनों खुश हैं। भाजपा इसलिए कि किरोड़ी के आने से उसे आगामी विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर फायदा पहुंचेगा। ये वो सीटें हैं जिन पर पिछले चुनाव में राजपा का असर रहा है। और किरोड़ी इसलिए खुश हैं कि भाजपा उनकाे राज्यसभा भेजेगी। वैसे किरोड़ी भी लंबे समय से भाजपा में आने की जगह तलाश रहे थे।

जातीय राजनीति के बलबूते किरोड़ी मीणा खुद को बड़े नेता के तौर पर स्थापित हाे चुके हैं। किरोड़ी के दबदबे वाली 45 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 44 पर एसटी वर्ग का दबदबा है। 29 विधानसभा क्षेत्रों में जनसंख्या से लिहाज से मीणा समाज सबसे आगे है। बाकी जगह भी गरासिया, सहरिया सबसे ज्यादा हैं। पिछले चुनाव में राजपा ने 134 सीटों पर चुनाव लड़ा, 45 सीटों पर 5 हजार से 65 हजार तक वोट हासिल किए थे। और 4 जगह जीत हासिल की थी।

राजपा से भाजपा में- इन्होंने निभाई भूमिका

रविवार, 01 अक्टूबर 2017 को डा. किरोडी ने भाजपा के दिवंगत नेता डा. दिगम्बर सिंह के भरतपुर में मनाए गए जन्मदिन पर भी भाजपा में जाने की इच्छा जताई थी। उस समय कार्यक्रम में सीएम राजे के करीबी नेता राजेन्द्र सिंह राठौड, दिगम्बर सिंह, रोहताश शर्मा, हेम सिंह भडाना मौजूद थे। समारोह में डा. किरोडीलाल मीणा ने कहा था कि मेरे भाजपा समय के बाद से लेकर अब तक संस्कार बदले नहीं हैं। मैंने सिंद्वान्तों की लडाई लडी़ है। विचारधारा अभी भी मेरे हृदय में भाजपा की विराजमान है। उन्होंने भाजपा में जाने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा उक्त चारों नेताओं से उनके लिए भाजपा के रास्ते खोलने में सहयोग करने को कहा था।

किरोडी के भाजपा में शामिल होने के कवरेज में सबसे आगे रहा खासखबर

इस संबंध में खास खबर ने भाजपा नेता दिगंबर सिंह के बर्थडे के क्या हैं राजनीतिक मायने! शीर्षक से समाचार भी प्रकाशित किया था। जिसमें किरोड़ी के भाजपा में जाने की इच्छा जताई गई थी। इन सबके बीच 'दो कदम किरोड़ी चले और दो कदम भाजपा'। आज वो वक्त आ गया जब दाेनों और से बढ़े दो कदमों से दोनों को मंजिल आसान मिलती नजर आ रही है। वो भी विधानसभा चुनाव से ठीक 8 माह पहले। आज दोपहर तक उनके भाजपा जॉइन करने का औपचारिक एलान हो सकता है।

राजपा का विलय होने के बाद डॉ. किरोड़ी, उनकी पत्नी गोलमा और सिकराय विधायक गीता देवी भी भाजपा में शामिल हो जाएंगे। आमेर से राजपा विधायक नवीन पिलानिया को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस विलय से वे खुश नहीं बताए जा रहे हैं।

ये तो हुई किरोड़ी की बात। अब करते हैं भाजपा की बात। भाजपा में हाल ही तीन जगह हुए उपचुनाव में हार से घनघोर चिंता थी। यह चिंता केंद्रीय नेतृत्व तक थी। 8 माह बाद होने वाले चुनाव में भाजपा कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती। येनकेन प्रकारेण भाजपा राजस्थान फतेह करना चाहेगी। इससे पहले बाड़मेर रिफायनरी उद्घघाटन अवसर पर राजस्थान आए पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर खूब तीर चलाए। लेकिन निशाना चूक गया और जनता ने उपचुनाव में कांग्रेस को जिता दिया। इसलिए अब भाजपा सेफसाइड गेम खेलकर राजस्थान जीतना चाहती है।

इसलिए छोड़ी थी भाजपा

2007 में गुर्जर आंदोलन के दौरान गुर्जरों को एसटी में शामिल करने की तैयारी को देखते हुए किरोड़ी मीणा ने भाजपा सरकार में मंत्री पद छोड़ दिया था। 2008 में किरोड़ी ने भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसमें वे जीते थे। उनकी पत्नी गोलमा ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वो भी जीत गई थीं। और खादी ग्रामोद्योग मंत्री बनी थीं।

ये हैं किरोड़ी के असर वाली सीटें

लालसोट, सिकराय, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ और अामेर। यहां पिछली बार राजपा के विधायक जीते थे। थानागाजी, बस्सी, करौली, बसेड़ी, छबड़ा, नगर, पीपल्दा, बांदीकुई, टोडाभीम, सवाई माधोपुर और महवा में राजपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे। यहां भाजपा को राजपा ने ही टक्कर दी थी।

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