शुक्रवार को बड़े पर्दे पर दो फिल्में रिलीज हुई,जिसमें से एक थी लेखक-निर्देशक लव रंजन की फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी..दूसरी फिल्म चाकरी तोलेटीकी वेलकम टु न्यू यॉर्क थी। दोनों ही फिल्मों की शैली एक दूसरे से अलग है। निर्देशक लव रंजन जब फिल्म ''प्यार का पंचनामा'' लेकर आए थे तो कहानी में नयापन था। नई कास्ट में नए डायरेक्टर के बावजूद फिल्म दर्शकों ने और समीक्षकों ने पसंद की थी। अपनी सारी फिल्मों में लव रंजन ने कहानी को नहीं छोड़ा, विषय की नवीनता को नहीं छोड़ा। इस बार लव लेकर आए हैं ''सोनू के टीटू की स्वीटी''। ये फिल्म प्यार और दोस्ती के टकराव के बीच की कहानी है।वहीं फिल्म वेलकम टु न्यू यॉर्क कॉमिडी है।आईये आपकों बताते हैं इन दोनों फिल्मों की कहानी...
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फिल्म- सोनू के टीटू की स्वीटी
कलाकार- नुशरत भरूचा,कार्तिक आर्यन,सनी सिंह,आलोक नाथ,दीपिका अमीन
निर्देशक- लव रंजन
मूवी टाइप- कॉमिडी,रोमांस
अवधि- 2
घंटा 20
मिनट
कहानी
कहानी का
विस्तार तो
कुछ ज्यादा नहीं है
मगर विषय
की नवीनता को लेकर
लव रंजन
फिर सफल
हुए हैं।
यह कहानी है बचपन
के दो
दोस्तों की
सोनू और
टीटू की।
टीटू को
बचपन से
सोनू ने
हर मुसीबत से बचाया है। स्कूल में दूसरे स्टूडेंट्स की
छेड़खानी से
लेकर जवानी में प्रसंग के रोने
तक, हर
पल हर
मुश्किल में
टीटू के
सोनू हमेशा दीवार बनकर
रहता है। ऐसे में
टीटू की
शादी तय
होती है
स्वीटी से
और स्वीटी सोनू को
बिल्कुल पसंद
नहीं आती।
वह जितनी सीधी सादी
दिखती है
वैसी वह
कतई नहीं
है, इस
बात का
शक सोनू
को लगातार होते रहता
है और
उसका शक
बेबुनियाद भी
नहीं होता। स्वीटी न
सिर्फ इस
बात को
स्वीकार करती
है बल्कि सोनू को
चैलेंज भी
कर देती
है कि
वह टीटू
को हथिया लेगी। पूरी कहानी स्वीटी से
टीटू को
बचाने की
है। कहानी में विस्तार की संभावनाएं कम थी
मगर स्क्रीन प्ले इस
कदर कमाल
लिखा गया
है, आप
अगला दृश्य क्या होगा
इसकी कल्पना नहीं कर
सकते। स्क्रीनप्ले की कसावट आपको कुछ
भी सोचने का मौका
नहीं देती। पूरी फिल्म में लगातार आप मुस्कुराते हैं,
ठहाके लगाते हैं
और खिलखिलाते हुए बाहर
आ जाते
हैं।
फिल्म- वेलकम टु न्यू यॉर्क
कलाकार- दिलजीत दोसांझ,सोनाक्षी सिन्हा,रितेश देशमुख,लारा दत्ता,आदित्य रॉय कपूर,राणा दुग्गुबाती,बोमन ईरानी,सुशांत सिंह राजपूत
निर्देशक- कचाकरी तोलेटी
मूवी टाइप- कॉमिडी
अवधि- 2 घंटा 4
मिनट
कहानी
फिल्म 'वेलकम टू न्यूयॉर्क' की कहानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के होने
वाले मशहूर अवॉर्ड शो
IIFA के इर्दगिर्द घूमती है। किन्ही कारणों से एक
टैलेंट हंट
के जरिए
एक खराब
फैशन डिजाइनर और बुरे
एक्टर को
चुना जाता
है। ये
फैशन डिजाइनर कोई और
नहीं बल्कि जिनल पटेल (सोनाक्षी सिन्हा) और एक्टर तेजी सिंह
(दिलजीत दोसांझ) है। तेजी
हर स्टार की एक्टिंग करता है
जबकि जिनल
का सपना
बड़ी डिजाइनर बनने का
है। करण
जौहर और
रितेश देशमुख इस अवॉर्ड शो के
होस्ट बने
हैं. इसकी स्क्रिप्ट फिल्म की
सबसे बड़ी
कमजोर है। कहानी कमजोर और पटकथा ढीली है। फिल्म हंसाती तो है
मगर टुकड़ों में। फिल्म अपने ज्यादातर हिस्सों में
दिल छूने
में नाकाम रही है। अपने किरदार में सोनाक्षी ज्यादा जमी
नहीं। दिलजीत की भूमिका असर नहीं
छोड़ती।
क्यों देखें
अगर
आप दिलजीत दोसांझ के
फैन हैं
तो अपने
चहेते स्टार, सिंगर को अलग
अंदाज में
देखने के
लिए यह
फिल्म देखें। स्क्रीन पर
बॉलिवुड के
कई नामचीन स्टार्स को
एकसाथ देखने का मौका
भी आपको
इस फिल्म में मिलेगा। फिल्म का
जॉनर कॉमिडी है,
लेकिन हंसने का मौका
कम ही
मिल पाता
है।