विभाग में 37 नये मकैनिकल लैक्चररो को पसंद और पूरी पारदर्शिता से स्टेशन अलाट किए

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018, 1:40 PM (IST)

चंडीगढ़। इलेक्ट्रानिक मीडिया के एक वर्ग द्वारा तकनीकी शिक्षा विभाग के मैकेनिकल लेक्चररों को स्टेशन अलॉट करने संबंधी तथ्यहीन खबरों को शुरू से रद्द करते पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने स्पष्ट किया है कि यह पहली बार हुआ है कि नये चुने गए लैक्चररों को पारदर्शी ढंग से उनकी पसंद मुताबिक स्टेशन अलाट किये गए है।


यहाँ से जारी एक प्रेस बयान द्वारा तकनीकी शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि तकनीकी शिक्षा विभाग में नये चुने गए 37 मकैनिकल लैक्चररों को स्टेशन अलाट करने के लिए तारीख़ 12 फरवरी को पंजाब सिविल सचिवालय के कार्यालय में बुलाया गया था। मौके पर ही उनकी पसंद और आपसी सहमति मुताबिक स्टेशन अलाट कर दिए गए।


उन्होंने कहा कि यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया के एक हिस्से ने तथ्यों की छानबीन करे बिना गलत खबरें प्रसारित की हैं।


स्टेशन अलाट करने संबंधी अन्य जानकारी सांझी करते हुये तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में मानक तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रशासन देने के लिए पूरी वचनबद्ध है। इसी कड़ी के अंतर्गत उन्होंने तकनीकी शिक्षा विभाग में यह सख्त फ़ैसला लेते हुये चुने गए लैक्चररों को पसंद मुताबिक स्टेशन अलाट किये हैं जिससे वह पूरी तनमन से विद्यार्थियों को मानक तकनीकी शिक्षा प्रदान कर सकें।


जि़क्र योग्य है कि तकनीकी शिक्षामंत्री ने सभी लैक्चररों को पोस्टिंग के लिए अपनी पसंद के स्टेशनों की पहल देने के लिए कहा था। इस दौरान 37 में से 35 लैक्चररों में से किसी को भी स्टेशन के चुनाव को लेकर आपसी टकराव सामने नहीं आया जबकि सिफर एक स्टेशन के लिए दो नौजवान पटियाला में अपनी पोस्टिंग करवाने चाहते थे। परन्तु पटियाला में एक ही सीट खाली मौजूद होने के कारण मंत्री ने दोनों को आपसी सहमति के साथ फ़ैसला करने के लिए कहा। परन्तु दोनों सहमत नही हुए, जबकि एक लैक्चरर की अकादमिक योग्यता ज़्यादा थी जबकि दूसरे का तजुर्बा ज़्यादा था। इस लिए दोनों ने सुझाव दिया कि हमारी पोस्टिंग टास के साथ कर दी जाये, जिसके बाद यह पोस्टिंग टास से सब के सामने और सहमति से की गई।



तकनीकी शिक्षा मंत्री ने साथ ही बताया कि किसी भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी की तैनाती बिना किसी की सहमति से किसी स्थान पर की जा सकती है, परन्तु उनकी तरफ से इस अधिकार को इस्तेमाल ना करके लैक्चररों को छुट दी गई कि वह अपनी मर्जी के साथ स्टेशन चुन लें, ऐसा इस लिए किया गया कि किसी के मन में कोई शंका न रहे कि लैक्चररों की तैनातियांं किसी सिफ़ारिश के साथ या किसी भेदभाव के साथ की गई हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने बड़े पारदर्शी और नेक नीयत के साथ सब के सामने यह तैनातियां की हैं और सब लैक्चरार इस फ़ैसले से खुश हो कर गए हैं।


उन्होंने मीडिया को भी अपील की कि वह ऐसीं तथ्यहीन अनावश्यक खबरों को बढ़ा चढ़ा कर पेश न करें बल्कि राज्य के नौजवानों को मानक तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में अपनी सार्थक भूमिका निभाये।

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