नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के निमंत्रण पर गुरुवार से तीन दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। विदेश
मंत्रालय के बयान के अनुसार,
मोदी व रूहानी शनिवार को यहां द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसमें द्विपक्षीय
संबंधों की प्रगति की समीक्षा व क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर
आपसी हित पर विचार विमर्श किया जाएगा।
रूहानी शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगे। ईरानी
समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, रूहानी गुरुवार को पहले हैदराबाद
पहुंचेंगे, जहां वह शहर के उलेमाओं से मुलाकात करेंगे। वह भारत में रहने
वाले ईरानी नागरिकों व छात्रों से मिलेंगे।
इरना ने ईरान के
राष्ट्रपति के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ फॉर कम्युनिकेशन एंड इंफार्मेशन परवीज
इस्माइली के हवाले से कहा कि शनिवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के
बाद दोनों पक्ष कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इस्माइली के
अनुसार, दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं की भी एक संयुक्त बैठक होगी,
जिसमें सहयोग के अवसरों व क्षमताओं की समीक्षा की जाएगी।
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रूहानी के 2013 में सत्ता संभालने के बाद यह भारत का पहला दौरा है। यह
दौरा मोदी की 2016 की तेहरान यात्रा के बाद हो रहा है, जिसमें भारत, ईरान व
अफगानिस्तान के बीच पारगमन और परिवहन के त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर
किया गया था। भारत ने ईरान के दक्षिणपूर्वी शहर चाबहार में शाहिद
बहिश्ती बंदरगाह के विकास के लिए 8.5 करोड़ डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता
जताई है।
बंदरगाह के प्रथम चरण का उद्घाटन राष्ट्रपति रूहानी ने
बीते साल दिसंबर में किया था। इस सुविधा के जरिए भारत ने अफगानिस्तान को
गेहूं की पहली खेप भेजी थी। इस बंदरगाह ने पाकिस्तान से अलग ईरान, भारत,
अफगानिस्तान व अन्य मध्य एशियाई देशों के बीच एक नया पारागमन मार्ग खोला
है। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत-ईरान का द्विपक्षीय व्यापार
2016-17 में 12.89 अरब डॉलर रहा।
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