3 दिन में दूसरा हमला, श्रीनगर में सेना ने आतंकियों को घेरा, एक जवान शहीद

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 12 फ़रवरी 2018, 12:56 PM (IST)

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में 3 दिन में दूसरा आतंकवादी हमला हुआ है। आतंकियों ने दोनों हमलों में सेना के ठिकाने को निशाना बनाया। यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक शिविर पर सोमवार तडक़े हमला करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों की साजिश नाकाम होने के बाद वे एक इमारत में घुस गए, जिसके बाद सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है। वहीं, इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि करन नगर इलाके में एक इमारत के अंदर फंसे आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। एक सीआरपीएफ अधिकारी ने इससे पहले बताया था कि 23 बटालियन के गार्ड पोस्ट पर एक चौकस संतरी ने तडक़े 4.30 बजे के आसपास दो आतंकवादियों को बैग और एक-47 राइफल्स के साथ शिविर में घुसने की कोशिश करते देखा था।

संतरी ने गोलीबारी कर आतंकवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया, जिससे शिविर पर संभावित हमला टल गया। पुलिस अधिकारी ने कहा, हालांकि, शिविर के आसपास के इलाकों में तलाशी के दौरान पता चला कि आतंकवादी इलाके की एक इमारत के अंदर घुस गए हैं, जिसका घेराव कर लिया गया है। अधिकारी ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है।

सुंजवान में तीसरे दिन भी ऑपरेशन जारी


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इधर, जम्मू शहर के सुंजवान सेना कैंप पर जैश आतंकियों द्वारा किए गए हमले के करीब 54 घंटे बाद भी सेना का ऑपरेशन जारी है। सुंजवान के आर्मी कैंप पर हमला करने वाले 4 आतंकियों को सेना ने मार गिराया। वहीं, हमले में 5 जवान शहीद हो गए और एक सिविलियन की भी मौत हो गई। रविवार देर रात सेना ने सुंजवान कैंप में क्लिनिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया था। यह ऑपरेशन सोमवार को भी जारी बताया जा रहा है।

लेकिन, अब खबर आ रही है कि आतंकियों की ओर से फायरिंग थम गई है। इस कार्रवाई में पांच सैनिक शहीद हो गए। सभी सैनिक जम्मू एवं कश्मीर के थे। एक सैनिक के पिता की भी मृत्यु हो गई। सेना के मुताबिक सभी आतंकवादियों ने सेना की वर्दी पहन रखी थी। उनके कब्जे से एके-56 राइफलें, अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर, हथियार और ग्रेनेड मिले हैं। हमले में छह महिलाओं और बच्चों सहित 10 अन्य घायल हो गए हैं। गंभीर रूप से घायल एक गर्भवती महिला को बचाने के लिए सेना के डॉक्टरों ने रात भर उसका उपचार किया।

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