उदयपुर व बांसवाड़ा में हैं 115 मिलियन टन स्वर्ण संसाधन

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 09 फ़रवरी 2018, 11:32 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा व उदयपुर जिले में 114.78 मिलियन टन स्वर्ण संसाधन होने का अनुमान है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की ताजा खोज में इन जिलों के भूकिया-डगोचा क्षेत्र में स्वर्ण संसाधन होने का पता चला है। कमालपुरा, नीम का थाना एवं मुंडियावास खेड़ा खंड में भी सोने और तांबे की खोज का काम प्रगति पर है।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक एन. कुटुम्बा राव ने शुक्रवार को जयपुर में मीडिया को बताया कि अकेले राजपुरा-दरीबा खनिज पट्टी में 356.47 मिलियन टन के सीसा-जस्ता के भंडार का पता चला है। इसके अलावा भीलवाड़ा जिले के सलामपुरा एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में खोज कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2010 से अब तक राज्य में 81.15 मिलियन टन तांबे के संसाधन का पता लगाया जा चुका है, जिसमें तांबे का औसत स्तर 0.38 प्रतिशत है।

राव ने बताया कि विभाग की ओर से सामरिक महत्व के खनिजों की खोज का काम भी किया जा रहा है। यह कार्य सिरोही जिले के देवा का बेड़ा, सालियों का बेड़ा व बाड़मेर जिले के सिवाना क्षेत्रों में हो रहा है। इसी तरह पोटाश व ग्लू़कोनाइट जैसे उर्वरक खनिजों का पता लगाने के लिए नागौर-गंगापुर बेसिन, सवाईमाधोपुर और करौली में ड्रिलिंग का कार्य किया जा रहा है। इसमें सफलता मिलने पर देश में उर्वरक खनिजों के आयात पर निर्भरता कम होगी।

विभाग की अन्य गतिविधियों की जानकारी देते हुए राव ने बताया कि ‘अनकवर इंडिया परियोजना’ के तहत ऐसे खनिजों की खोज की जा रही है, जिनके प्राप्त होने का भूगर्भ पट्टी पर कोई संकेत नहीं हैं। इसके अलावा भूकंप, जीवाश्म और सुदूर संवेदन के क्षेत्र में भी खोज और अनुसंधान कार्य जारी है।

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