जयपुर। प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायक पण्डित जसराज का कहना है कि जयपुर के लिए उनके दिल में हमेशा से ही एक खास मुकाम रहा है। वे आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। पंडित जसराज ने इस अवसर पर संगीत और गायन तथा शास्त्रीय संगीत के अन्य दूसरे पहलुओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि वे कल यानी 13 जनवरी को सेन्टल पार्क में आयोजित होने वाली ‘म्यूजिक इन द पार्क‘ श्रंखला में भी गायन प्रदर्शन करेंगे। इस संगीतमयी संगीत श्रृंखला का आयोजन राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग के साथ ही जयपुर विकास प्राधिकरण एवं स्पिक मैके द्वारा किया जा रहा है। विभाग की यह पहल राजस्थान की स्थिति को पूरे विश्व में पर्यटकों की पहली पसंद बनाने के लिए कर रहा है।
भारत के श्रेष्ठतम शास्त्रीय संगीत गायकों में से एक पंडित जसराज का जन्म हरियाणा के हिसार में शास्त्रीय संगीतज्ञों मे मेवात घराने में हुआ था। उनके पिता पण्डित मोती राम एक नामचीन शास्त्रीय संगीत गायक थे, उनके निधन के समय पंडित जसराज महज 4 वर्ष की उम्र के थे। अपनी युवावस्था से पंडित जसराज ने अपने बड़े भाई पण्डित मणिराम की शागिर्दी में गायन सीखा वे उनके साथ एक तबला वादक के तौर पर इस हुनर को और मजबूत कर रहे थे। जब वे 15 वर्ष के थे तब एक संगीतकार की कटु इस कटु टिप्पणी पर कि उन्हें तो शास्त्रीय संगीत की समझ ही नहीं है क्यों कि वे छोटे कलाकार है। पंडित जसराज ने अपना पहला सार्वजनिक गायन 22 वर्ष की उम्र में पेश किया। वे अपने क्षेत्र में न केवल गायन अपितु प्रस्तुति तथा दुर्लभ राग-रागिनियों और अनूठी बंदिशों और संगीत के क्षेत्र में नवाचारों के लिए जाने जाते हैं।
सेन्ट्रल पार्क में यह संगीतमय प्रस्तुति शाम 6 बजे आयोजित की जाएगी और इसमें प्रवेश निःशुल्क रहेगा। उल्लेखनीय है कि इस आयोजन को देखन के लिए प्रवेश सेन्ट्रल पार्क के गेट संख्या 3 से किया
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