नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत की रिलीज को हरी झंडी दिए जाने के बाद भी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पहले ही ऐलान कर चुकी है कि राज्य में पद्मावत रिलीज नहीं होगी। अब इस कड़ी में मध्यप्रदेश और गुजरात का नाम भी जुड़ गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ऐलान किया है कि वह अपने राज्य में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। भले ही नाम बदल दिया गया हो।
शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सुबह मीडिया से कहा, जो कह दिया सो कह दिया। हम अपने यहां फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे, तो नहीं होने देंगे। आपको बता दें कि जब पद्मावती पर कई राज्यों में विरोध हो रहा था तब भी शिवराज ने ऐलान किया था कि वह मध्य प्रदेश में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।
गुजरात में भी पद्मावत पर बैन
गुजरात सरकार ने भी फैसला किया है कि पद्मावत राज्य के सिनेमाघरों में नहीं प्रदर्शित की जाएगी। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शुक्रवार दोपहर ऐलान किया कि गुजरात में फिल्म को नहीं रिलीज किया जाएगा। राज्य के कई हिस्सों से भी इस फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की खबरें आई थीं।
मुंबई में सीबीएफसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन
इधर, मुंबई में श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत की रिलीज को हरी झंडी दिखाए जाने के विरोध में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यालय के बाहर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस कुछ कार्यकर्ताओं को अपने साथ ले गई। सुखदेव सिंह गोगामेरी के नेतृत्व में राजपूत संगठन के सदस्यों ने विवादित फिल्म की रिलीज की अनुमति देने पर सीबीएफसी कार्यालय के बाहर एकत्र होकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
देश में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे: करणी सेना
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करणी सेना के एक सदस्य जीवन सिंह सोलंकी ने कहा, हम किसी भी स्थिति में देश
में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। कुछ राज्य पहले से ही हम से सहमत हैं
और इसलिए फिल्म को प्रतिबंधित कर चुके हैं। हम पूरे देश में फिल्म को
प्रतिबंधित होते देखना चाहते हैं। सोलंकी ने कहा, हम यही नहीं रुकेंगे,
बल्कि हम हमारे प्रधानमंत्री से फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करने जा
रहे हैं क्योंकि फिल्म राजपूत समुदाय की विरासत और संस्कृति को बर्बाद कर
देगी। फिल्मकार ने राजपूतों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।
यह
पूछे जाने पर कि क्या वह संदेह को दूर करने के लिए फिल्म को सिनेमाघरों में
रिलीज से पहले देखना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, फिल्म में हमारे समुदाय को
पूरी तरह से गलत दिखाया गया है। हम इस फिल्म को नहीं देखना चाहते। इस पर
प्रतिबंध लगना चाहिए। सीबीएफसी ने पांच संशोधनों और फिल्म का नाम पद्मावती
से बदलकर पद्मावत कर देने पर इसकी रिलीज को मंजूरी दी है। यह भारत में 25
जनवरी को रिलीज हो रही है। सीबीएफसी ने तीन सदस्यीय सलाहकार पैनल से
परामर्श के बाद फिल्म को यू/ए प्रमाणपत्र के साथ हरी झंडी दिखाई है।
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