जानें क्या है मकर संक्रान्ति का महत्व, इस दिन ये करें दान

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 12 जनवरी 2018, 2:22 PM (IST)

नई दिल्ली। मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति का पर्व पूरे भारत में हर साल जनवरी के महीने में धूमधाम से मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, क्योंकि इसी दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रान्ति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति भी प्रारम्भ होती है। इसलिए इस पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं। 80 साल पहले के पंचांगों के अनुसार मकर संक्रांति 12 या 13 जनवरी को मनाई जाती थी, लेकिन अब विषुवतों के अग्रगमन के चलते इसे 13 या 14 जनवरी को मनाया जाता है।

साल 2018 में इसे 14 जनवरी को मनाया जाएगा। वैसे तो देश के सभी राज्यों में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। लेकिन, सब जगह सूर्य की उपासना जरूर की जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान का फल सौ गुना होकर दान देने वाले को मिलता है। ज्योतिष में राशि अनुसार दान करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

मकर संक्रान्ति का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि अर्थात् नकारात्मकता का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात् सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढक़र पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। मकर संक्रान्ति के अवसर पर गंगास्नान एवं गंगातट पर दान को अत्यन्त शुभ माना गया है। इस पर्व पर तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गई है। सामान्यत: सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं, किन्तु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यन्त फलदायक है।

अलग-अलग राशि वाले यूं करें दान-पुण्य

-मेष राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन मच्छरदानी और तिल का दान करें।

-वृष राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन ऊनी वस्त्र और तिल का दान करें।

-मिथुन राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तिल और मच्छरदानी का दान करें।

-कर्क राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तिल, साबूदान और ऊन का दान करें।

-सिंह राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तिल और कम्बल का दान करें।

-कन्या राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तिल, कंबल,तेल, उड़द दाल का दान करें।

-तुला राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तेल, रुई,वस्त्र, राई और मच्छरदानी का दान करें।

-वृश्चिक राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन गरीबों को चावल और दाल की कच्ची खिचड़ी का दान करें।

-धनु राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तिल और चने की दाल का दान करें।

-मकर राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तेल,तिल,कंबल और किताब का दान करें।

-कुंभ राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तिल, साबुन, वस्त्र ,कंघी और अन्न का दान करें।

-मीन राशि वाले मकर संक्रान्ति के दिन तिल, चना, साबूदान, कम्बल और मच्छरदानी दान करें।


मकर संक्रान्ति का ऐतिहासिक महत्व

ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं। चूंकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्राति का ही चयन किया था। मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।


किस नाम से किस राज्य में मनाया जाता है ये पर्व





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-मकर संक्रान्ति : छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, और जम्मू-कश्मीर।
-ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल : तमिलनाडु
-उत्तरायण : गुजरात, उत्तराखण्ड
-माघी : हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब
-भोगाली बिहु : असम
-शिशुर सेंक्रात : कश्मीर घाटी
-खिचड़ी : उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार
-पौष संक्रान्ति : पश्चिम बंगाल
-मकर संक्रमण : कर्नाटक

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