कोटा। राजस्थान प्रदेश के हाड़ौती में गुलाब की खेती के लिए नोताड़ा भोपत की खास पहचान है। यहां अब पांच लाख रुपए प्रति किलो कीमत वाला गुलाब का तेल इस पहचान को चारचांद लगा देगा।
जी हां, कोटा संभाग में गुलाब की खेती की अब खास पहचान हो सकेगी। यानी कम समय और कम लागत से गुलाब की फसल से अब करीब पांच लाख रुपए किलो की कीमत वाला तेल भी निकाला जा सकेगा। केंद्र सरकार की ओर से सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिशनल एरोमेटिक प्लांट लखनऊ की टीम ने पिछले चार दिन तक कोटा शहर से करीब 15 किमी दूर नोताड़ा भोपत में किए गए रिसर्च के लिए लगाए प्लांट में प्रारंभिक रुझान में यह निष्कर्ष निकाला है।
लखनऊ से मंगवाए इस प्लांट से वर्क करते हुए गुलाब में तेल की संभावना तलाशी। गुलाब से निकले तेल की बाजार रेट न्यूनतम पांच लाख रुपए किलो तक की आंकी है। वैज्ञानिकों की टीम गुलाब की किस्म की जांच के लिए फूल, प्लांटिंग मटेरियल और अन्य सैंपल लिए हैं।
रिटायर्ड साइंटिस्ट और लखनऊ से आई टीम के मैंबर डॉ. डीसी जैन ने कहा कि सैंपल के जांच की फाइनल रिपोर्ट 15 दिन में आएगी। इनकी जांच लखनऊ में की जाएगी। वहीं किसान परमेश्वर और लोकेश ने गुलाब की खेती के प्लांट के लिए सरकार से सब्सिडी की मांग की है।
वैाानिकों ने किसानों को गुलाब की खेती की दी ट्रेनिंग
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत गुलाब की खेती करने वाले किसानों को ट्रेनिंग दी है। किसानों को गुलाब की खेती से भविष्य में संभावित प्रोडक्ट में तेल से लेकर अगरबत्ती निर्माण,गुलकंद, वेस्ट से बायोफर्टिलाइजर्स बनाने के अलावा इनकी मार्केटिंग और प्लांट लगाने को लेकर ट्रेनिंग दी।
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