जल्द होगा अन्तरराज्यीय जल विवाद का समाधान, एक साल में बनेगी जयपुर में रिंग रोड : गडकरी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 15 दिसम्बर 2017, 8:30 PM (IST)

जयपुर/बारां। जल्द ही राजस्थान, हरियाणा, पंजाब तथा दिल्ली के बीच अन्तरराज्यीय जल विवादों को दूर किया जाएगा। इससे राजस्थान सहित अन्य राज्यों को अपने-अपने हक का पूरा पानी मिलेगा। यह बात केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बारां में सरकार की चौथी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में 6490 करोड़ की महत्वाकांक्षी परवन बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के शिलान्यास सहित 8487 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि यमुना के सरप्लस पानी का उपयोग राजस्थान कर सके, इसके लिए वे योजना पर काम कर रहे हैं। नर्मदा के पानी के लिए भी उनका मंत्रालय हर संभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-जयपुर ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे शीघ्र बनेगा। इसके लिए जमीन अवाप्ति का काम जल्द शुरू होगा। एक साल में जयपुर रिंग रोड का काम पूरा हो जाएगा।

राजस्थान करा सकेगा आईजीएनपी की मरम्मत

गडकरी ने कहा कि राजस्थान इन्दिरा गांधी नहर कैनाल की शीघ्र मरम्मत करवा सकेगा। इसके लिए आवश्यक एनओसी शीघ्र जारी होगी। इस संबंध में उनकी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से चर्चा हो चुकी है।

बायो ईंधन से बढ़ेगी किसानों की आय

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने एथेनॉल तथा बायो ईंधन के उपयोग की योजना तैयार की है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और पेट्रोलियम पदार्थों के उपयोग और आयात में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार भी इस संबंध में नीति बनाकर प्रदेश के किसानों को लाभ पहुंचा सकती है। गडकरी ने कहा कि अब नहरों के लिए किसानों की जमीन अवाप्त नहीं होगी, बल्कि भूमिगत लाइन डालकर पानी लाया जाएगा और ड्रिप पद्धति से खेती होगी। इससे जल की बड़ी बचत होगी और उत्पादन में भारी वृद्धि से किसानों की आय बढ़ेगी।

परवन पर 50 साल तक हुई राजनीति, हमने परवान चढ़ाई : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हाड़ौती की लाइफलाइन परवन सिंचाई परियोजना के नाम पर 50 साल से राजनीति होती रही, वादे कर लोगों के साथ छल किया गया, लेकिन यह परवान नहीं चढ़ पाई। हमारी सरकार ने इसे हकीकत में बदलने के लिए दिन-रात एक कर दिया और नतीजा आज आप आपके सामने है। परवन का पानी अब जल्द ही हाड़ौती के कोटा, बूंदी और बारां जिले के लाखों किसानों को सरसब्ज करेगा और यहां के सैकड़ों गांवों की प्यास बुझाएगा।

परवन बदलेगी हाड़ौती की भाग्यरेखा

राजे ने कहा कि परवन सिंचाई परियोजना पूरा होने पर यह बारां, झालावाड़ और कोटा जिले के लिए जीवनरेखा बनेगी। इस परियोजना में बनने वाले बांध की भराव क्षमता 490 मिलियन घन मीटर है। इसके पूरा होने से 317 मिलियन घनमीटर पानी सिंचाई के लिए मिलने लगेगा। परियोजना का पहला चरण पूरा होने पर बारां के 194, झालावाड़ के 81 और कोटा जिले के 38 सहित कुल 313 गांवों की 1 लाख 31 हजार 400 हैक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि परियोजना का दूसरा चरण पूरा होने पर बारां के 118, झालावाड़ के 36 और कोटा के 170 सहित कुल 324 अतिरिक्त गांवों की 70 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इस परियोजना में सिंचाई जल का उपयोग बूंद-बूंद और फव्वारा पद्धति से किया जाएगा। सिंचाई के साथ-साथ इस परियोजना से पेयजल की सुविधा भी मिलेगी। परियोजना से 50 मिलियन घन मीटर पानी बारां, झालावाड़ व कोटा जिले के 1 हजार 821 गांवों की प्यास बुझाएगा। इस परियोजना से शेरगढ़ अभयारण्य को 16 मिलियन घन मीटर पानी मिलेगा। परियोजना के 79 मिलियन घनमीटर जल से 2970 मेगावाट तापीय विद्युत उत्पादन हो सकेगा।

सिंचाई तंत्र को बनाया मजबूत




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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सिंचाई तंत्र को मजबूत बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। हमने इंदिरा गांधी नहर परियोजना सहित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं पर 5 हजार 633 करोड़ रुपए व्यय कर करीब 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई है। चम्बल नहर प्रणाली में 383 करोड़ से 114 किमी मुख्य नहर और लाइनिंग का काम किया। चम्बल की बाईं मुख्य नहर की मरम्मत के लिए 171 करोड़ रु. और दाईं नहर की मरम्मत के लिए 294 करोड़ रु. स्वीकृत किए। माही, चम्बल, साबरमती, लूनी, सूकली और पष्चिम बनास बेसिन में 540 करोड़ रुपए की लागत से 262 माइक्रो सिंचाई टैंक, 42 माइक्रो स्टोरेज टैंक और 48 चैक डेम बनवाए हैं। बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में 852 करोड़ रुपए की धौलपुर लिफ्ट परियोजना का काम भी हाथ में लिया जा रहा है। ये वे परियोजनाएं हैं जो 50 वर्ष में भी जमीन पर नहीं आ पाईं। इसे अब हम हकीकत में बदल रहे हैं।

किसान को बना रहे आत्मनिर्भर




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राजे ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश के किसान आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए सरकार दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम कर रही है। किसानों की मांग पर समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की खरीद शुरू की। उड़द की बम्पर पैदावार होने के कारण 30 हजार मीट्रिक टन के स्थान पर 60 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया। समर्थन मूल्य पर हमने 1 लाख 74 हजार 232 किसानों से अब तक 1 हजार 41 करोड़ की 3 लाख 18 हजार 357 मीट्रिक टन सोयाबीन, उड़द, मूंग और मूंगफली खरीदी है।

कोई पंचायत गौरव पथ से वंचित नहीं रहेगी



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मुख्यमंत्री ने कहा कि बारां जिले में हमारी सरकार ने इन 4 सालों में विकास के लिए 3787 करोड़ रु. स्वीकृत किए, जबकि पिछली सरकार ने अपने 5 वर्षों में सिर्फ 1903 करोड़ रुपए ही व्यय किए। राजे ने कहा कि झालावाड़ और बारां जिले में सड़कों का जैसा जाल बिछा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आने वाले साल में बारां और झालावाड़ की कोई ग्राम पंचायत ग्रामीण गौरव पथ से वंचित नहीं रहेगी।


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समारोह में क्षेत्रीय सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा कि पिछली सरकार ने इस क्षेत्र के साथ न्याय नहीं किया, जबकि हमारी सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए हर जरूरी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि परवन योजना से यहां के हर खेत को पानी मिलेगा और सैकड़ों गांवों को पेयजल मिलेगा। उन्होंने इस परियोजना की बाधाओं को दूर करने के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया।


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इस अवसर पर पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान, कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, खाद्य मंत्री बाबूलाल वर्मा, सांसद दुष्यंत सिंह, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार, नदी बेसिन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे, वरिष्ठजन बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमनारायण गालव, संसदीय सचिव नरेन्द्र नागर, सांसद ओम बिरला, विधायक रामपाल मेघवाल, हीरालाल नागर, रामचंद्र सुनारीवाल, प्रतापसिंह सिंघवी, विद्याषंकर नंदवाना, संदीप शर्मा, चंद्रकांता मेघवाल, ललित कुमार, कंवरलाल मीणा तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने दी सौगातें



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केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने दी सौगातें
- कोटा-सांगोद-कवाई एनएच 103 किलोमीटर
- झालावाड़-बारां एनएच 78 किलोमीटर
- बारां-मांगरोल-श्योपुर एनएच 43 किलोमीटर
- परवन-फतेहगढ़-गुना-टीकमगढ़-गुलगंज एनएच 22 किलोमीटर
- कवाई जंक्शन से छबड़ा-सदा काॅलोनी (एनएच-46) 48 किलोमीटर
- कोटा-रावतभाटा-सिंगोली-रतनगढ़-मोरवा-मनसा-नारायणगढ़-पीपलिया मंडी-मंदसोर 68 किलोमीटर
- लाखेरी-इटावा-मांगरोल 61 किलोमीटर
- उनियारा-इन्द्रगढ़ 27 किलोमीटर
- एनएच 90 पर परवन नदी पर उच्च पुल की 60 करोड़ की डीपीआर मंजूर
- ल्हासी पुल की 16 करोड़ की डीपीआर मंजूर

ये हुए लोकार्पण और शिलान्यास


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शिलान्यास
- परवन बहुद्देशीय सिंचाई परियोजना (6489.59 करोड़ रू.)
- अटरू- शेरगढ़ पेयजल परियोजना (89.69 करोड़ रू.)
- सोनवा पेयजल परियोजना (105.15 करोड़ रू.)
- राजकीय अभियान्त्रिक महाविद्यालय भवन, बारां (164.00 करोड़ रू.)
- राजकीय महाविद्यालय भवन, छबड़ा, का निर्माण कार्य (6 करोड़ रू.)
- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, नाहरगढ़, का भवन निर्माण कार्य (3.89 करोड़ रू.)
- एनएच- 52 के दर्रा-झालावाड-तीनधार की 4 लेन परियोजना 48.80 किमी (1317 करोड़ रू.)
- छबड़ा-कुम्भराज सड़क का चैड़ाईकरण, उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण कार्य (40 करोड़ रू.)

लोकार्पण


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उद्घाटन
- नागदा अन्ता बलदेवपुरा जलप्रदाय योजना (78.98 करोड़ रू.)
- ल्हासी पेयजल परियोजना, छबड़ा-छीपा बड़ोद, बारां (95.49 करोड़ रू.)
- राजकीय जिला चिकित्सालय, बारां में अडानी बहिरंग भवन (11 करोड़ रू.)
- अटरू गऊघाट बडोरा खानपुर सड़क का चौड़ाईकरण एवं सुदृढ़ीकरण (52.88 करोड़ रू.)
- एडियान मन्दिर से कुम्भराज सड़क पर निर्मित पुलिया (3.40 करोड़ रू.)
- स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल भवन, छीपा बड़ोद (सारथल) (6.46 करोड़ रू.)
- सहरिया आवासीय विद्यालय भवन, कोयला (9.80 करोड़ रू.)
- सहरिया आवासीय विद्यालय भवन, कवाई (9.80 करोड़ रू.)
- बहुउद्देशीय जनजाति छात्रावास भवन, बारां (आमापुर) (3.92 करोड़ रू.)


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