जयपुर। प्रदेश में
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किये जा रहे विशेष प्रयासों के कारण ग्लोबल
एडल्ट तम्बाकू सर्वे के अनुसार तम्बाकू के उपभोग में 7.6 प्रतिशत की रिकार्ड
गिरावट दर्ज की गयी है। ग्लोबल एडल्ट तम्बाकू सर्वे वर्ष 2009-10 के अनुसार यह
32.3 प्रतिशत था, जो ग्लोबल एडल्ट तम्बाकू सर्वे 2016-17 में घटकर 24.7 प्रतिशत रह
गया है। यह सर्वे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं
सीडीसी के तकनीकी सहयोग से किया जाता है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
कालीचरण सराफ ने सोमवार को स्थानीय होटल हिल्टन में आयोजित ग्लोबल एडल्ट तम्बाकू
सर्वे की रिपोर्ट को जारी करने के लिये आयोजित कार्यक्रम में यह जानकारी दी।
उन्होंने प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण व रोकथाम में अर्जित इस उपलब्धि के लिये सभी
को बधाई देते हुये भविष्य में और अधिक प्रयास करने पर बल दिया। उन्होंने केन्द्रीय
स्वास्थ्य मंत्रालय में इकोनोमिक एडवाईजर अरुण कुमार झा, प्रमुख शासन सचिव,
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता, स्वास्थ्य सचिव व मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन की विनीत मुनीश गिल की मौजूदगी
में गैट्स सर्वे के परिणामों के लीफलेट का भी विमोचन किया।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सर्वे
के अनुसार धूम्रपान के उपभोग में 5.6 प्रतिशत एवं धूम्ररहित तम्बाकू में यह 4.8
प्रतिशत की कमी आयी है। उन्होंने बताया कि बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, खैनी, चिलम, हुक्का आदि कोई भी सुरक्षित
नहीं है। इनके उपयोग से कैंसर, अस्थमा, हृदय, रोग, टीबी आदि भयावह रोग व नपुसंकता
की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सभी जिलों में महिने के अंतिम
दिन तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। खुली सिगरेट की बिक्री को
प्रतिबन्धित किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरी में भर्ती होने वाले
अभ्यर्थियों के द्वारा तम्बाकू उत्पादों का उपभोग नही किये जाने का शपथ पत्र दिया
जाना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि तंबाकू निषेध दिवस 28 फरवरी 2017 को प्रदेशभर में जागरूकता
कार्यक्रम आयोजित कर 1 लाख 78 हजार 635 तंबाकू उपभोगियों से सम्पर्क कर
तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने के अभियान को ‘वर्ल्ड बुक आफ रिर्काडस‘ में विशाल अभियान के रूप में
दर्ज किया गया है।
प्रमुख शासन सचिव वीनू
गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में 40 फीसदी लोगों की मौत तम्बाकू उपयोग के कारण होती
है। कैंसर होने से न केवल व्यक्ति को नुकसान होता है बल्कि समूचा परिवार बर्बाद हो
जाता है। तम्बाकू के उपभोग से महिलाओं को एनीमिया से भी ग्रसित हो जाती हैं व उनके
होने वाले बच्चों पर भी इसका गंभीर प्रभाव होता है। उन्होंने तम्बाकू के उपभोग में
कमी लाने के लिये चिकित्सा, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, गृह, पंचायती राज
विभाग सहित स्वयंसेवी संस्थाओं के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता प्रतिपादित की।
गुप्ता ने अगले चरण में
सभी ग्राम पंचायतों, पंचायत समिति मुख्यालयों सहित विभिन्न पंचायती राज संस्थानों
को धूम्रपान मुक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आंगनवाडी
केन्द्रों, चिकित्सा संस्थानों पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को इसके दुष्प्रभाव
बताकर तम्बाकू सेवन से बचने का परामर्श दिया जाये। उन्होंने 18 से 35 वर्ष तक के
युवाओं को ध्यान में रखते हुये कार्यवाही करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि
प्रदेश में जहां बीडी बनाने का कार्य किया जाता है, वहां के लोगों को कौशल विकास
के माध्यम से दूसरे कार्यों में लगाने हेतु प्रेरित करने का भी सुझाव दिया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय
में इकोनोमिक एडवाईजर अरुण झा ने राजस्थान को तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र
में अर्जित इस विशेष उपलब्धि के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोटपा
एक्ट की पालना बेहतर तरीके से सुनिश्चित की गयी है, इससे दूसरे राज्यों को भी
प्रेरणा लेनी चाहिये। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले धूम्रपान को रोकने
के लिये और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। एमडी एनएचएम हेमल ने ग्लोबल एडल्ट हैल्थ सर्वे के बारे में
प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार के जानकारी दी। कार्यक्रम में सूरीनाम, जाम्बिया,
ईराक, उरुग्वे, घाना, फीजी एवं अफगानिस्तान में तम्बाकू कार्यक्रम से जुड़े
प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।
कैंसर से पीड़ित रहे अलवर के
दीपचंद ने अपने कटु अनुभव शेयर किये। तम्बाकू उपयोग के कारण जीभ में कैंसर के कारण
चिकित्सकों को आपरेशन के माध्यम से उनकी जीफ निकालनी पड़ी थी। उन्होंने कार्यक्रम
के माध्यम से सभी लोगों को तम्बाकू का उपयोग नहीं करने की सलाह दी। एक अन्य कैंसर
से पीड़ित रहे प्रकाश ने तम्बाकू के सेवन के संबंध में लोगों में जन-जागरुकता
लाने की अपील की। कार्यक्रम में स्टेट नोडल आफिसर
तम्बाकू सैल डा. एसएन धौलपुरिया सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन
डा. पवन सिंघल ने किया। अंत में वीएचए के चेयरमैन डा. विवेक अग्रवाल ने धन्यवाद
ज्ञापित किया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे