मुंबई | केंद्रीय फिल्म
प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने यहां बुधवार
को कहा कि फिल्म उद्योग को राजनीति का शिकार बनने से बचाने की लड़ाई में
एकजुट होना चाहिए।
फिल्मकार संजय लीला भंसाली और उनकी फिल्म 'पद्मावती' के प्रति संवेदना
व्यक्त करते हुए निहलानी ने कहा, "संजय लीला भंसाली के प्रति मैं पूर्ण
संवेदना व्यक्त करता हूं और फिल्म उद्योग के प्रति मैं चिंतित हूं, क्योंकि
यह सिर्फ 'पद्मावती' का मामला नहीं है।"
निहलानी ने कहा, "कोई भी
फिल्म विभिन्न पार्टियों, राजनेताओं और राजनीति के इस जाल में फंस सकती है।
इसलिए मैं समझता हूं कि यह एक बुरी चीज है, और पूरे उद्योग को एकजुट होना
चाहिए और फैसला करना चाहिए। आज यह 'पद्मावती' है, कल कोई भी फिल्म इस तरह
की समस्या में पड़ सकती है। इसलिए हमें राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए।"
निहलानी ने यहां बुधवार को सोसाइटी पत्रिका के कवर का अनावरण करने के दौरान यह बात कही। इसमें वह भी मौजूद है।
उन्होंने 'पद्मावती' पर हुए विवाद को सुलझाने में विफल रहने के लिए फिल्म उद्योग में एकजुटता की कमी को जिम्मेदार ठहराया।
निहलानी ने वंशवाद और कास्टिंग काउच जैसे मुद्दों पर भी बात की।
उन्होंने कहा कि वंशवाद बॉलीवुड में बहुत प्रचलित है।
निहलानी
ने कहा, "पिछले कुछ समय से नए लोग बॉलीवुड में नहीं आ रहे हैं, क्योंकि
केवल 4-5 समूह है, जो विख्यात लोगों के बेटों और बेटियों को अपनी फिल्मों
में ले रहे हैं।"
कास्िंटग काउच पर निहलानी ने कहा कि यह किसी भी उद्योग में हो सकता है।
अपने
और सीबीएफसी के नए अध्यक्ष प्रसून जोशी के बीच होने वाली तुलना पर निहलानी
ने कहा, "मैं यहां तुलना करने के लिए नहीं हूं। मैंने अच्छा काम किया, मैं
यह जानता हूं। वह क्या करेंगे, यह आप सभी देखेंगे। मैंने अच्छा काम किया
और मीडिया ने उसको सराहा। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।"
उन्होंने
कहा, "अब आपको पता चलेगा कि वह कैसे काम कर रहे हैं और मैंने कैसे काम किया
था.. कितनी फिल्में समय पर रिलीज हुईं और कितनी फिल्मों में देरी हुई।"
आईएएनएस
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