उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च किए-किरण माहेश्वरी

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 06 दिसम्बर 2017, 3:07 PM (IST)

जयपुर। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए और पाच राजकीय विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ और बारां में नए इंजीनिरिंग कालेज के लिए 26 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। बाडमेर में इंजीनयरिंग कालेज के लिए 26 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की है।

यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय से प्रीपरेटरी ग्रांट के रूप में 5 करोड़ रुपए प्राप्त हुए है। राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद का गठन गत वर्ष किया गया है। इसरो द्वारा रूसा भवन पोर्टल पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 229 जियो टैग पाइंट स्वीकृत किए हैं जिसमें राजस्थान पहले स्थान पर है। सरकारी कॉलेजों में स्टूडेंट्स की स्किल बढ़ाने के लिए दिशारी योजना लागू की जिसमें विद्यार्थियों की कोचिंग एवं दिशारी एप लॉच किया गया।

3200 से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां अंतिम चरण में, 3700 पर भर्ती है प्रक्रियाधीन
माहेश्वरी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में लगभग 6 हजार 900 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए स्वीकृतियां जारी कीं, जिसमें से 3200 से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां कुछ ही समय में कर दी जाएंगी। शेष 3700 से ज्यादा पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम युवाओं को बेहतरीन शिक्षा देकर उन्हें स्वावलंबी बनाना है और इसमें राज्य सरकार कहीं भी पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा विभाग में लैब असिस्टेंट के 130 पदों पर अधीनस्थ बोर्ड द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी करते ही पदस्थापन आदेश जारी कर दिया जाएगा। साथ ही एलडीसी के 217, स्टेनोग्राफर के 42 पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भिजवा दिए गए हैं और पुस्तकालय अध्यक्ष के 152 एवं शारीरिक शिक्षकों के 169 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया इनके नियमों में संशोधन के तुरंत बाद की जाएगी।

इग्नू के जरिए कौशल प्रशिक्षण
माहेश्वरी ने बताया कि प्रदेश के 94 राजकीय कालेजों में नियमित विद्यार्थियों के लिए इग्नू के जरिए कौशल विकास के प्रथम चरण में 16 पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। सरकारी काॅलेजों में स्टूडेंट
की काउंसलिंग, प्लेसमेंट और स्किल डवलपमेंट के लिए युवा स्वालंबन योजना शुरू की गई है। सरकारी कॉलेजों में 13-14 में 130 युवा विकास केन्द्र थे जिन्हें बढ़ा कर 207 किया गया। इस योजना के तहत 33 जिला मुख्यालयों पर चयनित कॉलेजों में रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा।

कालेजों में स्मार्ट क्लास
कुल 75 सरकारी कॉलेजों में स्मार्ट क्लास योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए 34 कालेजों में से 15 कालेेजों में स्मार्ट क्लास सुविधा शुरू की गई है। साल 2017-18 से नए निजी कालेजों और पहले से चल रहे कालेजों में सभी आवेदन पत्र आॅनलाइन कर दिए गए। सरकारी कॉलेजों में लाइब्रेरी में पुस्तकालयों को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा। इसकी शुरूआत 7 सरकारी कॉलेजों से हो गई है।

कॉलेजों को वाईफाई किया
पहले चरण में 115 सरकारी कॉलेजों को वाईफाई करने पर काम चल रहा है। जिससें सरकारी कालेज झालावाड़. बारां, जयपुर, धौलपुुर सीकर के कालेजों को वाईफाई कर दिया गया है। शिक्षकों के पदनाम भी बदल दिए गए हैं। इन कालेजों में अब असिटेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर होंगे। 2015-16 से सभी राजकीय कालेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षक व कर्मचारियों की हाजरी बायोमेट्रिक कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12 वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक लाने वाली छात्राओं को तीन साल में स्कूटी वितरण पर 8 करोड़ 50 लाख खर्च किए हैं।
बीकानेर में तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। राजकीय पालीटेक्निक कॉलेजों में 26 छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है।

संस्कृत भाषा के महत्व को बनाए रखने के लिए 1000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्हें विभिन्न संवर्गों में नियुक्ति दी गई। राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, अजमेर के नए भवन के लिए 6 करोड़ 54 लाख का बजट स्वीकृत किया गया है। संस्कृत शिक्षा विभाग के चार महाविद्यालयों को 2-2 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

एच आर समिट का आयोजन
जयपुर में 21-22 दिसंबर को जयपुर हायर एजुकेशन एंड एचआर कान्क्लेव का आयोजन होगा। इसमें देश भर से जानी-मानी कंपनियों के एच आर मैनेजरों को बुलाया जा रहा है जिससे वो जयपुर आकर राजस्थान में उच्च एवं तकनीकी कालेजों से रूबरू हो सके। इन कंपिनयों के साथ राजस्थान के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर भी तैयार किए जाएंगे।

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