चार साल में 17 हजार करोड़ रूपए खर्च कर प्रदेशवासियों को पिलाया साफ पानी

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 05 दिसम्बर 2017, 6:47 PM (IST)

जयपुर। जलदाय मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को सतही पेयजल से जोड़कर लाभान्वित किया है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 तक 50 लाख और लोगों तक सतही पेयजल पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। यही वजह है कि सरकार ने विगत 4 वर्षों में 17 हजार 322 करोड़ से ज्यादा की धनराशि व्यय कर आमजन को राहत पहुंचाई है।
गोयल मंगलवार को जल भवन में सरकार के चार वर्ष पूरे होने के मौके पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान भूमिगत जल की बजाए सतही जल को आमजन तक पहुंचाने पर है। पिछले चार वर्षों में सरकार ने 22 कस्बों, 2 हजार 785 गांव और 4 हजार 600 ढाणियों तक वृहद पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया है।

4 सालों में 34 वृहद पेयजल परियोजनाएं

गोयल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जहां पांच वर्षों में विभिन्न पेयजल योजना और परियोजनाओं पर केवल 12 हजार 225 करोड़ रुपए व्यय किए थे, वहीं वर्तमान सरकार ने 4 वर्षोंं में ही 17 हजार 322 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की। बात ग्रामीण क्षेत्र की जाए तो पिछली सरकार ने 5 वर्षों में 10 हजार 36 करोड़ रुपए खर्च किए, वहीं वर्तमान सरकार ने चार साल में ही 13 हजार 662 करोड़ का धनराशि खर्च कर लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया है। शहरी क्षेत्रों में पिछली सरकार ने पांच सालों में 2188 करोड़ रुपए व्यय किए, वहीं इस सरकार ने 36 सौ करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि व्यय कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 4 सालों में 34 वृहद पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से लोगों तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया, जबकि पूर्ववर्ती सरकार केवल 21 पेयजल योजनाएं ही पूरी कर पाई।
चार सालों में 22 शहर पेयजल योजना से जोड़े


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जलदाय मंत्री ने कहा कि हमने वृहद परियोजनाओं से जहां 4 वर्षों में 2785 गांव और 4464 ढाणियां लाभान्वित की वहीं पहले की सरकार केवल 1861 गांव और 914 ढाणियों को ही पेयजल उपलब्ध करा पाई। हमने इन चार वर्षों में वृहद पेयजल परियोजनाओं से 22 शहरों को जोड़कर लाभान्वित किया जबकि पिछली सरकार केवल 19 शहरों को ही जोड़ पाई। पेयजल गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता से राहत देते हुए वर्तमान सरकार ने जहां चार सालों में 1949 आरओ प्लांट लगाए जबकि पिछली सरकार केवल 33 आरओ प्लांट ही लगा पाई। यही नहीं इस सरकार ने प्रदेश भर में 952 डीफ्लोरीडेशन सयंत्र 619 सौर उर्जा आधारित नलकूप लगवाए जबकि पिछली सरकार ऐसा कुछ भी नहीं कर पाई।
उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्ष आमजन को समर्पित रहे। इन सालों में विभाग ने 14 हजार 880 हेबीटेशन को पेयजल से लाभान्वित किया, जिनमें से 5 हजार 898 गुणवत्ता प्रभावित हेबीटेशन, एक हजार 415 अनुसूचित जाति बाहुल्य, एक हजार 646 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य और 894 अल्पसंख्यक बाहुल्य हेबीटेशन तक पेयजल पहुंचाकर आमजन को राहत पहुंचाई। यही नहीं विभाग ने 8 हजार 740 नए नलकूप लगाए, 24 हजार 899 नए हैण्डपम्प लगाए और करीब 9.28 लाख खराब हैंडपम्पों को सुधार कर पुनः चालू करवाया। सरकार ने हर वह कोशिश की जिससे सभी को आसानी से शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।
नई भर्तियों में भी पीछे नहीं

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गोयल ने कहा कि विभाग नई भर्तियां करने में भी पीछे नहीं रहा। इन चार वर्षों में 154 सहायक अभियंताओं और 775 कनिष्ठ अभियंताओं को नियुक्ति दी गई। यही नहीं मंत्रालयिक संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के 63 पदों पर सीधी भर्ती और 585 पदों पर अनुकंपात्मक नियुक्तियां दी गई। इनके अतिरिक्त राजपत्रित संवर्ग में 1063 तथा अराजपत्रित और अधीनस्थ संवर्ग में 1063 पदोन्न्तियां भी की गई।
जलदाय मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी शहर एवं ग्राम पंचायतों में सतही स्रोतों से पेयजल प्राप्त कर 2051 तक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यंमत्री द्वारा 2015 में की गई बजट घोषणा की क्रियान्विति के परीपेक्ष्य में विस्तृत सर्वे के उपरांत राजस्थान वाटर ग्रिड की डीपीआर तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्र में विभिन्न कस्बों में स्रोत सवंर्धन, जीर्ण शीर्ण पाइप लाइनों को बदलने, कम दबाव के क्षेत्रों में संवर्धन आदि कार्यों के लिए 5 करोड़ से कम लागत की 1830 योजनाओं के लिए 614.92 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई।
जलदाय मंत्री ने कहा कि राज्य के 23 शहरों में जल योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अमृत योजना के अंतर्गत लगभग 1000 करोड़ की स्वीकृतियां जारी की गई हैं। इनमें से 11 योजनाओं के क्रियान्वयन के कार्यादेश दिए जा चुके हैं तथा 8 योजनाओं के कार्यादेश प्रक्रियाधीन हैं, जिन्हें जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शेष 4 योजनाओं के कार्यादेश दिसंबर, 2017 के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे। वहीं शेष बची एक योजना (उदयपुर) का कार्य स्मार्टसिटी द्वारा किया जाएगा।
बीसलपुर पेयजल योजना के दूसरे चरण की डीपीआर तैयार
गोयल ने कहा कि जयपुर शहर के विस्तारीकरण से पेयजल की बढ़ रही मांग को देखते हुए बीसलपुर जयपुर पेयजल परियोजना द्वितीय चरण के लिए डी.पी.आर बनाई जा चुकी है और भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय में वित्त पोषण के लिए भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्युत खपत में कमी करने के उद्देश्य से ऐसे पम्प हाउस जहां वार्षिक विद्युत व्यय 5 करोड से अधिक है तथा 10 वर्ष से पुरानी पम्पिंग मशीनरी है उनका संचालन एवं संधारण एस्को पद्धति पर किए जाने का निर्णय लिया गया है। जोधपुर में राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल पर 8 पम्पिंग स्टेशन का संचालन एवं संधारण एस्को पद्धति पर दिया गया है। वार्षिक विद्युत व्यय 88 करोड़ रुपए में 25 प्रतिशत की बचत की गई। अजमेर जिले के सभी ग्रामीण जलप्रदाय योजनाओं को भी एस्को पद्धति से जोड़ने के लिए निविदाएं आमन्त्रित की जा चुकी है।
उन्होंने इस अवसर पर ऐतिहासिक ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान‘ की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की दूरदर्शितापूर्ण सोच ही थी कि प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान‘ की शुरूआत की गई। इससे प्रदेश के जल स्तर में खासा सुधार आया। उन्होंने कहा कि जब पूरा प्रदेश पानी के मामले में स्वावलंबी हो जाएगा तो एक नया खुशहाल राजस्थान हमें देखने को मिलेगा।इस अवसर पर विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत कुमार मिश्र सहित सभी उच्च अधिकारीगण उपस्थित थे।

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