साइबर अपराधों एवं ठगी के शिकार लोगों को पुलिस दिलाए न्याय : गृहमंत्री

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 15 नवम्बर 2017, 6:54 PM (IST)

जयपुर। गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदेश के ऎसे कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय दिलाएं, जो बेवजह साइबर अपराधों एवं ठगी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठगी के उन बड़े गिरोहों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए, जो भोले-भाले लोगों को बेवकूफ बनाकर उन्हें ठगने का काम करते हैं। कटारिया बुधवार को पुलिस मुख्यालय में गृह विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों एवं कमजोर वर्ग के दर्ज अपराधों के अन्वेषण पर ईमानदारी से कार्रवाई करें, ताकि पुलिस पर आम जनता का विश्वास कायम हो सके।

गृह मंत्री ने प्रदेश में हत्या, अपहरण एवं दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों में गिरावट पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों से लगातार आईपीसी के अपराधों में कमी आने से व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश बढ़ती दिखाई दे रही है। राज्य के पुलिस थानों में लम्बे समय से जब्तशुदा वाहनों, मादक पदार्थों एवं अन्य नकारा सामान के समयबद्ध निस्तारण के लिए अलवर व जयपुर आयुक्तालय की तर्ज पर राज्य के समस्त जिलों के लिए कार्य योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने पुलिस द्वारा किए गए सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस की मुस्तैदी की वजह से ही संगीन अपराधों का खुलासा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ रहे साइबर अपराध हमारे देश के लिए चिंता का विषय है, इसे रोकने की प्रभावी कार्रवाई की जाए, ताकि पुलिस की छवि में और सुधार हो सके। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल पर पदोन्नति के नियमों में आंशिक संशोधन करने पर विचार कर रही है, ताकि सभी कांस्टेबलों को समयबद्ध पदोन्नति मिल सके। गृहमंत्री ने कहा कि विभाग के पुराने व जर्जर हो चुके आवासीय भवनों, थानों व चौकियों की रिपेयरिंग को वरीयता दी जाकर आगामी बजट में इनको प्राथमिकता दी जाएगी।

प्रमुख शासन सचिव गृह दीपक उप्रेती ने पुलिस अधिकारियों को सुझाव दिए कि साइबर अपराधों के निस्तारण में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिसाब से विभाग का अपग्रेडेशन किया जाना चाहिए। उन्होंने अत्याधुनिक अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बताया कि आईआईटी अथवा ऎसी किसी एजेंसी के साथ टाइअप होना चाहिए।

महानिदेशक पुलिस अजीत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार पुलिस आधुनिकीकरण योजना 2017-18 के तहत पुलिस दूरसंचार निदेशालय द्वारा पुलिस आयोजना, आधुनिकीकरण एवं कल्याण शाखा को जयपुर कमिश्नरेट की संचार प्रणाली का अपग्रेडेशन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुलिस दूर संचार प्रशिक्षण जयपुर के अपग्रेडेशन तथा कैपेसिटी ब्लडिंग एवं मुख्यालय कार्यशाला के लिए 367.40 लाख रुपए की बजट राशि प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाए गए हैं।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, अपराध पंकज कुमार सिंह नें बैठक में आईपीसी के तहत दर्ज अपराधों के बारे में प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस व एसओजी उमेश मिश्रा ने बताया कि अभी पिछले दिनों एक बड़े ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह 56 करोड़ के डिबेंचर के माध्यम से ठगी कर रहा था।




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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा ने बताया कि विभाग ने यातायात पुलिस को नियम विरुद्ध चलने वाले वाहन चालकों के लिए 4 क्रेशलेब, 59 इन्टरसेप्टर व 2 हजार 802 ब्रेथ ऐनेलाइजर आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि आमजन को यातायात संबंधी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए जयपुर तथा जोधपुर में यातायात पुलिस का वेबपोर्टल तैयार कर आम जनता के लिए शुरू करवाया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर दुर्घटनाओं एवं अपराधों की रोकथाम के लिए 100 हाइवे मोबाइल वाहनों द्वारा गश्त की जा रही है। इन वाहनों की लोकेशन पर निगरानी के लिए सभी वाहनों पर जीपीएस सिस्टम भी लगवाए गए हैं।

बैठक में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस कपिल गर्ग, पंकज कुमार सिंह, ओ.पी.गल्होत्रा, बी एल सोनी, राजीव दासोत, एन.आर.के रेड्डी, डी.सी. जैन, राजीव शर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, ए. पौन्नुचामी एवं एम.एल. लाठर, उमेश मिश्रा, सुनील मेहरोत्रा, श्रीनिवास राव जंगा, भूपेन्द्र दक, निरसिम्हा राव, डी एस दिनकर सहित गृहमंत्री के विशिष्ट सचिव महेन्द्र पारख मौजूद थे।


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