जयपुर। जयपुर में अप्रेल 2016 में आयोजित किए गए प्रथम
संस्करण की सफलता के बाद भारत का सबसे पसंदीदा चिल्ड्रंस लिटरेचर
फेस्टिवल - ‘बुकरू‘ एक बार फिर से जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में आयोजित
किया जा रहा है। इसमें देश के विभिन्न भागों और अन्य देशों के कई प्रसिद्ध
बाल साहित्यकार, चित्रकार, कवि, कलाकार एवं कहानीकार शामिल होंगे।
पांच
देशों के 23 से अधिक वक्ताओं की 58 सत्रों में भागीदारी के साथ इस
फेस्टिवल में इंटरेक्टिव एवं गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इनमें ओरेगामी,
पेपर क्राफ्ट, स्टोरी टेलिंग, ग्राफिक नाॅवल्स रीडिंग शामिल होंगे।
जवाहर
कला केंद्र की डायरेक्टर जनरल, पूजा सूद ने बताया कि ‘‘वर्तमान
दौर में युवा अपना अधिकांश समय ऑनलाइन गतिविधियों में बिता रहे हैं।
वर्तमान पीढ़ी के लिए पुस्तकें पढ़ना आवष्यक है। साहित्य बच्चों को नई दुनिया
में ले जाता है। अतः हमनें जेकेके की लाइब्रेरी के जूनियर रीडिंग रूम में
आयोजित कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए ‘बुकरू‘ को जयपुर में आमंत्रित किया
है।‘‘
’कहानी ट्री’ बुकरू की रोचक विशेषता होगी,
जिसमें कहानीकारों द्वारा लोककथाओं से लेकर आधुनिक कहानियों को हिंदी एवं
अंग्रेजी भाषाओं में पिरोया जाएगा। इसके अतिरिक्त सात्विक एवं उदित द्वारा
दुनिया के प्रथम नाटक की कहानी साझा करने के साथ जेकेके में किस्सेबाजी के
प्रथम शो की शुरूआत भी की जाएगी।
बच्चों को
पुस्तकों की दुनिया में ले जाने और शहर में आयोजित किए जा रहे बुकरू
फेस्टिवल के आउटरीच प्रोग्राम के तहत इसके स्पीकर शहर के निजी एवं सरकारी
17 स्कूलों में जायेंगे।
‘बुकरू‘ पुस्तकों को
सेलिब्रेट करने वाला फेस्टिवल है। 9 वर्ष पूर्व नई दिल्ली के बुक शाॅप में
आरम्भ हुआ यह फेस्टिवल अब तक 9 शहरों में आयोजित किया जा चुका है, जिनमें
भारत से बाहर का एक शहर भी शामिल है। गत वर्ष आयोजित किए गए इसके विभिन्न
संस्करणों में 50,000 बच्चे शामिल हुए थे। वर्तमान में इस फेस्टिवल के
दौरान प्रकाशकों द्वारा पुस्तकें लॉन्च की जा रही है, फीडबैक प्राप्त करने
के लिए लेखक अपने पाठकों के साथ रूबरू हो रहे हैं। इसमें नया कंटेंट तैयार
करने हेतु कलाकार एवं लेखक मिल रहे हैं, पुस्तकों के अधिकार खरीदे जा रहे
हैं, अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक अपनी पुस्तकों की संभावनाओं के लिए भारतीय
बाजार की ओर देख रहे हैं। ऐसे में यह अनूठा फेस्टिवल प्रकाशन की दुनिया की
विभिन्न संस्थाओं को एक मंच प्रदान करता है।
यह
बहुआयामी फेस्टिवल पुस्तकें पढ़ना पसंद करने वालें और पुस्तक पढ़ने के
अनिच्छुक बच्चों को जोड़ने के अनुरूप बनाया गया है। यह कार्यक्रम इस
उद्देष्य से तैयार किया गया है कि प्रत्येक बच्चों की पसंद के अनुरूप
पुस्तकें हैं और हमारा कार्य पुस्तकों की खोज में उनकी मदद करना है। इस
फेस्टिवल की प्रोग्रामिंग टीम रचनाकारों के साथ समन्वय के साथ कार्य करती
है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कल्पनाशीलता और रचनात्मकता बढ़ाई जा सकें।
‘बुकरू‘
में ड्रामेटाइज रीडिंग से लेकर गहन चर्चा, पारम्परिक स्टोरी टेलिंग से
लेकर थिएटर और क्राफ्ट के माध्यम से आर्ट और क्रिएशन की अभिव्यक्ति शामिल
है। इसकी शैलियों के स्वरूप में विविधता है - पौराणिक कथाओं से पर्यावरण,
आत्मविकास से रोमांच, इतिहास से कला आदि। यदि किसी विषय पर कोई पुस्तक है,
तो आप इसे बुकरू में जरूर पाएंगे।
नवम्बर 2008
में आरम्भ हुए बुकरू फेस्टिवल का गुलाबी शहर में आयोजित किया जा रहा यह
संस्करण 25वां संस्करण होगा। इस नवम्बर दिल्ली में होने वाला बुकरू अपना
10वां जन्मदिन मनाएगा। बुकरू के लिए यह वर्ष इसलिए भी विशेष है कि गत मार्च
‘द लंदन बुक फेयर‘ में इस फेस्टिवल को प्रतिष्ठित इंटरनेषनल एक्सीलेंस
अवार्ड प्राप्त हुआ है।
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