64वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह-2017 का आयोजन शुरू

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 14 नवम्बर 2017, 6:15 PM (IST)

जयपुर। राजफैड की प्रबंध निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने मंगलवार को 64वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह के आयोजन के अवसर पर चौमूं में सहकारजन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में सुशासन की स्थापना में सहकारिता एक महत्वपूर्ण माध्यम है। सहकारिता की भावना से पानी, बिजली, रोड जैसी समस्याओं का हल भी सभी मिलकर कर सकते हैं। इसके लिए किसी अन्य एजेन्सी की ओर देखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सहकारिता ही वह माध्यम है जिसमें एक दूसरे की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लक्ष्य की पूर्ति की जाती है। यह सतत विकास का मार्ग है, जिसके माध्यम से सभी का सुनिश्चित विकास संभव है।

डॉ. प्रधान ने कहा कि स्थानीय उत्पादों के आधार पर व्यवसाय का चयन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चौमूं में फूलों का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जाता है और इस क्षेत्र में कई किसानों ने इसे आजीविका साधन बनाया है। उन्होंने कहा कि यदि किसान एवं महिलाएं मिलकर कार्य करें एवं बाजार की आवश्कताओं के आधार पर फूलों के उत्पाद यथा बुके, वर-वधु के लिए मालाएं, कार्यालयों एवं घरों के लिए सजावटी फूलों का उत्पादन करें तो जयपुर में इनकी व्यापक खपत हो सकती है। इससे महिलाओं एवं किसानों में उद्यमशीलता का विकास होगा तथा वे अपनी आर्थिक स्थिति को उन्नत कर सकेंगे।

राजफैड द्वारा चौमूं क्रय-विक्रय सहकारी समिति के संयुक्त तत्वाधान में अखिल भारतीय सप्ताह का आयोजन चौमूं नगरपालिका के सभागार में किया। समारोह में नगरपालिका की अध्यक्षा अर्चना कुमावत, महाप्रबंधक अमित शर्मा, सहायक रजिस्ट्रार छोटी लाल बुनकर, गोविन्दगढ़ ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष सूरजमल यादव, चौमूं क्रय विक्रय सहकारी समिति के मैनेजर ओ. पी. यादव सहित 200 से अधिक किसान एवं सहकारजन उपस्थित थे।

खरीद केन्द्र का किया विजिट

राजफैड की प्रबंध निदेशक ने चौमूं स्थित समर्थन मूल्य पर मूंग एवं उड़द की खरीद के लिए स्थापित केन्द्र का विजिट कर किसानों से संवाद किया। उन्होंने बताया कि मौके पर ही किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका निपटारा किया।

उन्होंने बताया कि खरीद केन्द्र पर अबतक 929 किसानों से मूंग एवं उड़द की खरीद की गई है। किसानों से 7 करोड़ 47 लाख रुपए मूल्य के 25083 कट्टे मूंग एवं 2978 बोरी उड़द की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि केन्द्र पर सर्वेयर द्वारा एफएक्यू मापदण्डों के आधार पर किसानों के माल की गुणवत्ता को परखा जा रहा है।

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