जयपुर। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि राज्य के युवा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं, लेकिन अंग्रेजी ज्ञान के अभाव में पिछड़ जाते हैं। इस कमी को दूर कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ऑनलाइन एप ‘हैलो इंग्लिश‘ और ऑफ लाइन क्लास के जरिए अंग्रेजी का माहौल उपलब्ध करा रही है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को भी आगे बढ़कर ऐसी कोशिशों को अपनाना चाहिए।
माहेश्वरी मंगलवार को एमएनआईटी के सभागार में UPER (अपस्किल प्रोफिएंसी इन इंग्लिश फॉर राजस्थान) के कैंपस एंबेसेडर कॉन्क्लेव को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर छात्र-छात्राएं गांवों से आते हैं। ऐसे में प्रतिभा होते हुए भी वे खुद को अच्छे से प्रस्तुत नहीं कर पाते। सरकार उनकी झिझक को दूर करने के लिए राज्य की सभी कॉलेजों में अंग्रेजी का ऐसा माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही है, जिससे छात्र-छात्राएं इंग्लिश नॉलेज से अपग्रेड रहे और निजी और सरकारी क्षेत्रों की नौकरियों में पीछे नहीं रहें।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन के अलावा सरकार ऑफ लाइन यानी क्लासों के जरिए भी छात्र-छात्राओं को इंग्लिश के गुर सिखाने जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग का नोएडा की ‘इंग्लिश एज‘ कंपनी से टाईअप हो चुका है। इसके अनुसार यह कंपनी तीन महीने के कोर्स कॉलेजों में करवाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए 12 महिला महाविद्यालय और दो पोलोटेक्निक महाविद्यालयों का भी चयन कर लिया गया है। जनवरी माह से इन कॉलेजों में नियमित रूप से इंग्लिश अपग्रेडिंग की जाएगी ताकि कॉलेजों से निकलने के बाद छात्र-छात्राओं को नौकरियों के लिए भटकना नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि ये कोर्सेज पूरी तरह निशुल्क होंगे।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि ‘हैलो इंग्लिश‘ एप सेे आठ सप्ताह में
राज्य भर से 20 हजार से ज्यादा कॉलेजों के छात्र-छात्राएं जुड़े हैं। इस
एप के जरिए वे न केवल इंग्लिश बोलना सीख रहे हैं बल्कि खुद को कहीं ज्यादा
बेहतर भी महसूस कर रहे हैं। इस अवसर पर उन 10 छात्र-छात्राओं को भी
सम्मानित किया गया जो ‘हैलो इंग्लिश‘ एप के टॉपर रहे हैं। ये टॉपर्स ब्रांड
एंबेसेडर के रूप में एप का व्यापक प्रचार-प्रसार कॉलेजों और
विश्वविद्यालयों में करेंगे।
ये भी पढ़ें - राजस्थान के इस पुल पर पैदल जाओगे तो पकड लेगी पुलिस!
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस
एप को ‘फेस्टीवल ऑफ एजूकेशन‘ में लॉन्च किया जा चुका है। राजस्थान देश का
पहला ऐसा प्रदेश है, जहां ऐसे किसी प्रिमियम एप को छात्रों के लिए निशुल्क
उपलब्ध करवाया जा रहा है।
ये भी पढ़ें - लकवे के मरीज यहां से जाते है ठीक होके
दिशारी एप से छात्र-छात्राएं कर सकेंगे घर बैठे तैयारी
माहेश्वरी
ने कहा कि सरकार चाहती है प्रदेश के छात्र-छात्राएं बिना कोई पैसा खर्च
किए और बिना कही आए-जाए, अपने गांवों और शहरों में रहते हुए प्रतियोगी
परीक्षाओं की तैयारी करे। इसके लिए कॉलेज शिक्षा जल्द ही ‘दिशारी‘ एप भी
शुरू करेगा, जिससे छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी हर तरह
की मदद मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचार देश में केवल राजस्थान में
ही हो रहे हैं।
ये भी पढ़ें - खौफ में गांव के लोग, भूले नहीं करते ये काम
इग्नू के कोर्सेज दे रहे हैं युवाओं को नई दिशा
उच्च
एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश में पहली बार राजस्थान में कॉलेज
शिक्षा विभाग, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की मदद
से प्रदेश की सभी राजकीय महाविद्यालयों में 16 ऐसे सर्टीफिकेट और डिप्लोमा
पाठ्यक्रमों की शुरूआत की है, जिनको करने से न केवल छात्रों के लिए रोजगार
की संभावना बढ़ेगी बल्कि उनमें उद्यमिता का विकास होगा। ये कोर्सेज सभी
महाविद्यालयों में चालू हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की ज्यादातर कॉलेजों
में ये कोर्सेज शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये कोर्सेज अनुसूचित
जाति और जनजाति के छात्र-छात्राओं के अलावा सभी वर्ग की छात्राओं के लिए
निशुल्क रहेंगे जबकि सामान्य वर्ग के लिए बेहद कम शुल्क पर उपलब्ध कराए
जाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी जनवरी माह से इनमें 25 और नए कोर्सेज जोड़े
जाने की तैयारी चल रही है ताकि कोई भी अछूता नहीं रहे।
ये भी पढ़ें - परिवार में सारे अंधे,एक शख्स लाता है रोटी
अतिरिक्त
मुख्य सचिव राजहंस उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ऐसे प्रयास
कर रही है ताकि कॉलेज में पढ़ रहे छात्र जॉब सीकर्स ना बनें बल्कि जॉब
प्रोवाइडर बनें। उन्होंने कहा इन प्रयासों से छात्रों का आत्मविश्वास भी
बढ़ रहा है।
ये भी पढ़ें - यकायक सुलग उठता है घर में रखा सामान...
कॉलेज शिक्षा आयुक्त आशुतोष पेंडणेकर ने कहा कि हम
छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी नहीं बल्कि एक स्किल सिखा रहे हैं जो कि उन्हें
शिक्षा पूर्ण के बाद संबल का काम करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे
छात्र-छात्राएं इंग्लिश सीखकर अब बीपीओ, आईटी जैसे कई क्षेत्रों में अपना
भविष्य देख पाएंगे।
इस अवसर पर एमएनआईटी के निदेशक ने भी अपने विचार
व्यक्त किए। कार्यक्रम में हैलो इंग्लिश के फाउंडर निशांत पाटनी और एप की
पूरी टीम भी उपस्थित रही।
ये भी पढ़ें - और प्यार की हो गई जीत, बेटी के जन्म के बाद विवाह के बंधन में बंधा प्रेम जोड़ा