दिल्ली में फिर इमर्जेंसी लेवल पर पहुंचा प्रदूषण, गाजियाबाद में 65 फैक्ट्रियां बंद

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 11 नवम्बर 2017, 10:41 PM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में शनिवार शाम को वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर इमर्जेंसी की श्रेणी में आ गया। हालांकि, राजधानी में सुबह प्रदूषण का स्तर कम रिकॉर्ड हुआ। लेकिन, शनिवार को शाम तक वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो गई है। लगातार पांचवें दिन भी प्रदूषण का स्तर खराब रहने के कारण लोग सांस के साथ विषैले तत्वों को शरीर के भीतर लेने के लिए मजबूर हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्मॉग की समस्या की वजह से गाजियाबाद में 65 फैक्ट्रियां बंद कराई गईं हैं। इनमें भूषण स्टील और डाबर की फैक्ट्री भी शामिल है। मौसम में यह अचानक बदलाव कुछ ही घंटों के दौरान तब आया जब सरकार ने घोषणा की कि हवा में हानिकारक तत्वों पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर गिरा है। ऐसे में अचानक फिर से बढ़े प्रदूषण ने लोगों को चौंका दिया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता इंडेक्स एक्यूआई शाम पांच बजे तक पलूशन का स्तर 403 आंका है। दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता इंडेक्स (एक्यूआई) 3 बजे 423 था (0से 500 के पैमाने) जबकि पीएम2.5 (कण जिनका व्यास 2.5 से कम हो) 422 के आसपास था, जिसे बदतर माना गया।दिल्ली एनसीआर का मिश्रित औसत एक्यूआई 425 और पीएम2.5 424 दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद एनसीआर का सबसे प्रदूषित इलाका रहा, जहां दोपहर में एक्यूआई 484 और पीएम2.5 खतरनाक 869 दर्ज किया गया।

गाजियबादा का पीएम स्तर सुरक्षित सीमा से लगभग 34 गुणा अधिक दर्ज किया गया है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के अध्यक्ष भूरे लाल ने आईएएनएस को बताया, कुछ सुधार हुआ है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि कल (रविवार को) यह और बेहतर होगा। इस सुधार के पीछे का सबसे बड़ा कारण दिल्ली में ट्रकों की आवाजाही पर रोक है। हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और इसके अनुसार निर्णय लेंगे।



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सरकार की एजेंसी वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) की पहल के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के 10 निगरानी स्टेशनों में से पांच पर कुछ सुधार दर्ज किए गए हैं, हालांकि हवा की गुणवत्ता का स्तर अभी भी गंभीर बना हुआ है। इससे पहले, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भी रविवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार की भविष्यवाणी की थी। जिसके पीछे का कारण हवा की गति में वृद्धि और पड़ोसी राज्यों में बारिश की स्थिति को बताया गया था।

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