कभी देखा करते थे मानसून के बादल आज बनकर रह गया सनसेट प्वाइंट

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 22 अक्टूबर 2017, 6:32 PM (IST)

जयपुर/उदयपुर। मानसून महल, इसे सज्जनगढ़ महल के नाम से भी जाना जाता है। पहाड़ की चोटी पर स्थित एक आलीशान इमारत है। खगोल विज्ञान के लिए गहन जुनून रखने वाले महाराणा सज्जन सिंह का मुख्य उद्देश्य मूलरूप से एक खगोलीय केंद्र के रूप में एक नौ मंजिला इमारत का निर्माण करना था, ताकि मानसून के बादलों की गति का पता लगाया जा सके, लेकिन आज के समय में टूरिस्ट के लिए यह केवल सनसेट प्वाइंट बन कर रह गया है।

अरावली पहाड़ी रेंज के बंसदरा पर्वत के ऊपर स्थित, रत्नों से शोभित मुकुट के रूप में दिखाई देने वाला है ये शानदार सज्जनगढ़ फोर्ट। सफेद संगमरमर से बना ये महल उदयपुर शहर के पश्चिम में स्थित है, जो कि समुद्र तल से 944 मीटर) 3100 फीट की ऊंचाई पर है। मेवाड़ राजवंश के शासक महाराणा सज्जन सिंह द्वारा 1884 में इस महल का निर्माण कराया गया था। उन्हें एक प्रतिष्ठित शासक और ‘मैन ऑफ विजन’ के रूप में जाना जाता था और 1881 में ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया’ के खिताब से भी सम्मानित किया गया था। इस महल के निर्माण का उद्देश्य मानसून के बादलों का ट्रैक रखने के साथ ही शाही परिवार के लिए रिसोर्ट बनाना भी था, लेकिन 26 वर्ष की उम्र में असामयिक मृत्यु के कारण इस योजना कुछ समय के लिए रुक गई। उनकी मृत्यु से पहले इस महल का निर्माण आंशिक रूप से हो गया था, बाद में उनके उत्तराधिकारी महाराणा फतेह सिंह ने महल का निर्माण कार्य पूरा किया।

महान ऊंचाई पर स्थित यह किला शहर की दो झीलों पिछोला और फतेहसागर का शानदार दृश्य दर्शाता है। साथ ही किले से अरावली पहाड़ी, जंगलों, नदियों और चमकते हुए सफेदी वाले शहर का आश्चर्यजनक और करिश्माई दृश्य दिखाई देता है।


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इस जगह को देखने का सबसे अच्छा समय बरसात के मौसम में होता है, क्योंकि आसपास के दृश्यों का सुरम्य और दर्शनीय दृश्य स्वर्ग की तरह लगता है। यहां अरावली पहाड़ी की सीमाओं पर सूर्यास्त होते हुए देखना अद्वितीय सुंदरता का सही मायने में मोहक दृश्य होता है। सूर्यास्त का यह खूबसूरत नजारा देखने के लिए यहां रोजाना कई टूरिस्ट पहुंचते हैं।


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पैलेस में संगमरमर के खंभे पर बनी फूलों की नक्काशी, महाराणा प्रताप की विशाल कांस्य प्रतिमा, फाउंटेन और एक भव्य केंद्रीय अदालत राजस्थान के जीवंत कला और वास्तुकला को दर्शाती है। महल में पुरुषों और महिलाओं के लिए क्वार्टर, दीवा-ए-आम, दीवान-ए-खास बनवाए गए हैं। रात के समय में उज्जवल महल दूर से आसमान में तैरता हुआ दिखाई देता है।


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