लखनऊ। विश्व के सात अजूबों में से एक ताजमहल पर भाजपा विधायक संगीत सोम द्वारा दिए विवादास्पद बयान के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विनय कटियार की ओर से ताज महल को हिंदू मंदिर के ऊपर बनाए जाने के दावे के बाद अब समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है। आजम खान ने विनय कटियार के बयान की बाबत सवाल पूछे जाने पर कहा, ताजमहल को डायनामाइट से उड़ाना लगभग तय है। इसकी वजह यह है कि पीएन ओक ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि इस इमारत के नीचे शिव मंदिर था। इस पर भारत की फासिस्ट ताकतों ने हमेशा से अमल किया है। यदि बाबरी मस्जिद गिर सकती है तो देश में कोई भी इमारत तोड़ी जा सकती है। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं होगा, यदि किसी दिन ताज महल को गिरा दिया जाए।
उन्होंने कहा यदि इस देश में राम मंदिर के नाम पर बाबरी मस्जिद गिर सकती है तो ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। बाबरी मस्जिद को गिराने से पहले भी इसी तरह का माहौल बना था। तब सुप्रीम कोर्ट का स्टे था, सीएम का वादा था और एकता परिषद का प्रस्ताव था। इसके बाद भी उस मस्जिद को गिरा दिया गया था। इससे पहले विनय कटियार ने कहा है कि मुगलों ने देवस्थानों को तोडऩे का काम किया है। उन्होंने कहा, ताज महल हिंदू मंदिर है, वहां देवी देवताओं के सारे चिह्न हैं। बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा, ताज महल में बरसात के समय में पानी टपकता है। दरअसल वह हिंदू मंदिर था। जिस जगह पानी टपकता है, वहां शिवलिंग थी ताकि पानी सीधा उस पर गिरे। शिवलिंग को हटाकर वहां पर मजार बनाई गई थी।
इससे पहले मंगलवार को संगीत सोम द्वारा दिए विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आजम खां ने कहा था कि वह तो पहले ही कह चुके हैं कि ताजमहल ही क्यों, संसद, राष्ट्रपति भवन, कुतुबमीनार, लाल किला और आगरे का किला भी ध्वस्त कर देना चाहिए, क्योंकि यह भी गुलामी की याद दिलाते हैं। मीडिया से बातचीत में आजम ने मंगलवार को संगीत सोम का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा, मैं किसी को जवाब नहीं दे रहा हूं, क्योंकि गोश्त के कारखाने चलाने वालों को राय देने का अधिकार नहीं। इस पर शासक फैसला करेंगे, लेकिन मैं तो पहले से ही इस राय का हूं कि गुलामी की उन तमाम निशानियों को मिटा देना चाहिए, जिससे कल के शासकों की बू आती हो।
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उन्होंने कहा, जाहिर है, ये एक सच है कि मुगल हिन्दुस्तान पर काबिज हुए। अब
वे किन हालात में आए, कौन लेकर आया, ये बहस अगर होगी तो कड़वाहट आ जाएगी
और लोग हमारी बात का बुरा मानेंगे। इसलिए हम वो बात कहना नहीं चाहते।आजम ने
कहा, मैंने तो पहले ही कहा था कि अकेले ताजमहल ही क्यों? पार्लियामेंट
हाऊस भी क्यों नही, राष्ट्रपति भवन क्यों नहीं, कुतुबमीनार क्यों नही,
दिल्ली का लालकिला क्यों नहीं, आगरे का किला क्यों नहीं? ये सब गुलामी की
निशानियां है। सब ध्वस्त कर दो।
उन्होंने नरेंद्र मोदी और योगी
आदित्यनाथ का नाम लिए बिना कहा, हम तो बादशाह से अपील करते हैं और छोटे
बादशाह से तो हमने कहा है कि आप आगे चलो, हम साथ चलेंगे। पहला फावड़ा आपका
होगा, दूसरा हमारा होगा। मैं समझता हूं, इतना कुछ कहने के बाद कदम पीछे हटा
लेना राजनीतिक नपुंसकता है। आजम ने कहा कि जो लोग इन जगहों को गुलामी की
निशानी कह रहे हैं, उनका पूरे देश पर राज है, इस वक्त कब्जा है। अगर वो
हिम्मत नहीं कर रहे तो इसे राजनैतिक नपुंसकता ही कहेंगे।
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