‘ताजमहल पूजा की नहीं प्यार की निशानी, क्योंकि अय्याश थे ज्यादातर मुगल’

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 17 अक्टूबर 2017, 6:43 PM (IST)

नई दिल्ली। ताजमहल पर बीजेपी नेता संगीत सोम के बयान पर मचे बवाल के बीच अब उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सईद वसीम रिजवी ने मंगलवार को कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल पूजा का सिंबल नहीं हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्यादातर मुगल अय्याश थे। उन्होंने ताजमहल प्यार की निशानी हो सकती है, लेकिन पूजा की नहीं। एक-दो मुगलों को छोड़ दें तो ज्यादातर मुगल अय्याश थे। मुसलमान उन्हें अपना आइडल नहीं मानते हैं। रिजवी ने योगी सरकार द्वारा अयोध्या में भगवान राम की 100 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाने के प्रस्ताव की हो रही आलोचना पर कहा कि मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि यह मुद्दा ही क्यों है। जब मायावती ने अपनी खुद की प्रतिमा बनवाई तो किसी ने विरोध नहीं किया। तो फिर राम की प्रतिमा बनाने के प्रस्ताव पर विरोध क्यों हो रहा है?

उन्होंने कहा कि राम की प्रतिमा का निर्माण एक अच्छा कदम होगा क्योंकि अयोध्या हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ताजमहल पर उठे विवाद के बीच 26 अक्टूबर को इस विश्व प्रसिद्ध धरोहर के दौरे का फैसला लिया। उन्होंने ताजमहल को खास बताते हुए कहा है कि यह भारतीय मजदूरों के खून-पसीने से बना है।

गोरखपुर के चार दिन के दौरे पर गए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ताजमहल विवाद पर कहा, ये महत्व नहीं रखता कि इसका किसने और किन कारणों से निर्माण कराया। यह भारतीय मजदूरों के खून और पसीने से बनाया गया है। योगी ने कहा कि ताजमहल हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। खासतौर पर टूरिज्म के नजरिए से यह ज्यादा महत्व रखता है। वहां पर्यटकों के लिए सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी हमारी है।

ये था संगीत सोम का बयान

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ज्ञात हो कि मेरठ के सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम ने मुगल कालीन शासकों के इतिहास को देश के लिए कलंक बताते हुए कहा है कि इतिहास से मुगलकालीन शासकों को निकालकर अब उप्र में हिंदुओं के इतिहास को दर्शाया और पढ़ाया जाएगा। सोम ने कहा था कि यूपी सरकार अकबर, बाबर और औरंगजेब जैसे कलंक कथा लिखने वाले बादशाहों को इतिहास से निकालने की तैयारी कर रही है।

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