मेवात।
जिगर के टुकड़ों को जन्म देने वाली मां ने अपने ही पांच बच्चों सहित स्वयं
के सिर में भी जुएं मारने की नियत से जहरीला पदार्थ मिला लिया। जहरीले
पदार्थ की वजह से मां और बड़े बेटे की उम्र ज्यादा होने के चलते अस्पताल में
दाखिल होने की नौबत नहीं आई , लेकिन चार बच्चे मौत के मुंह में चले गए।
जिनमें से एक 5 वर्षीय लड़के की मौत हो गई जबकि तीन भाई - बहन नल्हड मेडिकल
कालेज के आईसीयू में मौत और जिंदगी के बीच जूझ रहे हैं। घटना हथीन खंड
के दुरेंची गांव की है। मेडिकल कालेज निदेशक डॉक्टर संसार चंद शर्मा के
मुताबिक तीन बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश में डॉक्टरों की टीम जुटी है।
जानकारी के मुताबिक पलवल जिले के दुरेंची गांव में पांच बच्चों की माता
अरसीदा पत्नी साहिद ने अपने बच्चों के सिर में जुएं होने की वजह से चूहे
मारने इत्यादि की दवाई मिला दी। दवाई मिलाते ही बच्चों की तबीयत बिगड़ने
लगी। बच्चों को इलाज के लिए नल्हड मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। डॉक्टरों
ने बच्चों की नाजुक हालत को देखते हुए आईसीयू वार्ड में दाखिल कराया गया।
इस दौरान एक पांच वर्षीय लडके की हालत बिगड़ने लगी , जिसे डॉक्टरों के लाख
प्रयासों के बावजूद भी बचाया नहीं जा सका। अभी भी तीन बच्चे आईसीयू वार्ड
में भर्ती हैं। बच्चों की हालत को देखते हुए माता अरसीदा अस्पताल के फर्श
पर लेटी हुई है। जिगर के टुकड़ों की अपने हाथों से ये हालत करने वाली मां
का कलेजा बैठ गया है। आँखों के आंसू सूख चुके हैं , भूख प्यास और गम में
जबान हलक से बाहर नहीं आ रही है।
निदेशक डॉक्टर संसार चंद शर्मा ने कहा कि
जांच तो हथीन पुलिस करेगी , लेकिन डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने आम
आदमी से अपील करते हुए कहा कि बिना डॉक्टरों की सलाह के इस तरह के कदम
नहीं उठाएं। यह बेहद दुखद घटना है। दवाइयों के बारे या किसी भी केमिकल
इत्यादि की पूरी तरह जानकारी के बाद ही उसे इस्तेमाल करें।
अनपढ़ता और अज्ञानता में हुआ हादसा दुरेंची
गांव की पांच बच्चों की करीब 28 वर्षीय अरसीदा अनपढ़ है। बच्चों और खुद के
सिर में जुएं होने से वे बेहद तंग थी। अनपढ़ता और अज्ञानता के चलते उसने
जुओं का खात्मा करने के लिए खतरनाक केमिकल बच्चों के सिर में खूब लगाया।
बच्चों को सांस के जरिये इस केमिकल ने अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच
पहुंचा दिया। जुएं मरेंगी या नहीं ये तो बाद में पता चलेगा , लेकिन अब एक
बच्चा हमेशा के लिए दुनिया और साथ छोड़ चुका है ,तो तीन बच्चों की हालत भी
पूरी तरह खतरे से बाहर नहीं है।
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