आखिर क्यों, सोशल मीडिया या प्रेस में आरोप लगाने पर कठोर कार्रवाई होगी, पढ़ें

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 12 अक्टूबर 2017, 7:37 PM (IST)

जयपुर । राजस्थान के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सोशल मीडिया या प्रेस के माध्यम से सरकार के किसी कदम और नीति की आलोचना करना यूं तो नियमों में प्रतिबंधित है, लेकिन अब प्रदेश के कार्मिक विभाग को दोबारा आदेश निकालने पड़े है। कार्मिक विभाग के शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने एक आदेश जारी करके बताया है कि सरकार के किसी कदम या नीति की आलोचना करना नियमों के विरूद्ध है, लेकिन कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के जरिये नियमों की पालना नहीं की जा रही है। साथ ही प्रेस और सोशल मीडिया के जरिये किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ मनगढ़ंत और अनर्गल आरोप प्रचारित या प्रसारित किए जाते रहते है। इससे सरकारी कार्यालयों की छवि धूमिल होती है।
कार्मिक विभाग के शासन सचिव ने आदेशों के तहत दोबारा निर्देशित किया है कि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सार्वजनिक तौर पर किसी व्यक्ति विशेष या किसी पार्टी या संस्थान के खिलाफ कोई तथ्यहीन, निराधार, असत्यापित टिप्पणी कतई प्रचारित नहीं करें। अगर इन निर्देशों का किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने उल्लंघन किया, तो उसके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकेगी।

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