रोहतक। धान की पराली जलाने पर रोक लगाए जाने के बाद अब किसान
संगठन भी खुलकर सरकार के खिलाफ आ गए है। भारतीय किसान यूनियन ने वीरवार को
एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर पराली जलाने पर रोक को
हटाने की मांग की।
किसानों ने कहा कि पराली का निपटान करने का किसान के पास
जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सरकार इसके निपटान का खुद इंतजाम करें,
वरना किसान तो खेत को खाली करने के लिए इसको जरूर जलाएगा। पराली जलाने पर
जुर्माने और सजा के प्रावधान को नाजायज बताते हुए किसानों ने सीएम और उनके
मंत्रियों को भी प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार बताया।
प्रदेश के अन्दर इन दिनों धान की कटाई चल रही है और इसके
बाद गेहूं की बिजाई की जाएगी। इसको लेकर किसान अपने खेतों में धान की
पराली को जला रहे है, जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण फैलता है। सरकार ने
इसके जलाने पर रोक लगाने के लिए जुर्माने और सजा का प्रावधान किया है, ताकि
कोई किसान पराली को न जलाएं, बल्कि इसका कोई अन्य प्रयोग करे। इस रोक को
हटाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने सीएम के नाम ज्ञापन दिया और
कहा कि किसान के पास इसे जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगर सरकार कोई
दूसरा समाधान कर सकती है तो ठीक, वरना किसान इसे जलाएंगे।
उन्होंने ये भी
कहा कि सरकार सिर्फ किसान पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा रही है, जबकि खुद
सीएम और उसके मंत्री भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। दशहरे पर पूरे प्रदेश में
रावण दहन किया गया और हर जगह भारी मात्रा में पटाखों से प्रदूषण फैलाया
गया। अगर किसान पर जुर्माना लगता है तो सरकार के मंत्रियों पर भी लगना
चाहिए।
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