नई दिल्ली। पिछले सप्ताह सात जवानों के शव प्लास्टिक के बोरियों में लपेटे
जाने और गत्तों में रखे जाने की तस्वीरे सामने आने के बाद लोगों काफी
आक्रोश देखा गया था। इससे जुडी एक खबर सामने आ रही है। सेना ने एक गोदाम
में 1999 से पडे 900 बॉडी बैग और 150 ताबूत जल्द सौंपे जाने मांगी की है।
ज्ञात रहे कि चार लाख डॉलर के घूस के आरोपों और उसके बाद हुई सीबीआई जांच
के मद्देनजर ये बॉडी बैग और ताबूत गोदाम में पडे हुए है।
आपको बता
दें कि तवांग में एमआई-17 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से सात जवानों
की मौत हो गई थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेना ने सीबीआई से फिर आग्रह
किया है कि वह बॉडी बैग और ताबूत सौंपे जाने में मदद करे। यह मामला 2013
में बंद हो गया था। इस बारे में संपर्क किए जाने पर सीबीआई सूत्रों ने कहा
कि इस मामले पर विचार किया जा रहा है।
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आपको बता दें कि कारगिल युद्ध
के बाद तत्कालीन एनडीए सरकार ने 3000 बॉडी बैग और 500 ऐल्युमिनियम ताबूत
की खरीद का आदेश दिया था। रिश्वत के आरोप लगने के बाद इस सौदे को रद्द कर
दिया गया, लेकिन तब तक 900 बॉडी बैग और 150 ताबूतों की आपूर्ति हो चुकी थी।
उस वक्त यह मामला करगिल ताबूत घोटाले के रूप में काफी उछला था।
तब
सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी। दिल्ली की एक अदालत ने 2013 में तीन
पूर्व आर्मी अधिकारियों इस मामले में बरी किया था। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट
में इन आर्मी अधिकारियों के नाम शामिल किए थे।
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