महापुरूषों के लिए जाना जाने वाला भारत देश अब बलात्कारी देश बनता जा रहा है...

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 11 अक्टूबर 2017, 6:48 PM (IST)

जयपुर। भारत देश महापुरूषों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब बलात्कारी देश बनता जा रहा है, ये कहना कि नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का। राजस्थान पुलिस अकादमी में आयोजित ‘‘सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत‘‘ व्याख्यान मेें संबोधित करते हुए कैलाश सत्यार्थी ने देश के मौजूदा हालातों की जानकारी देते हुए यह बात कही।

आरपीए में भारत को एक बाल मित्र राष्ट्र के रुप में पहचान दिलाने के उद्देश्य से भारत यात्रा पर निकले कैलाश सत्यार्थी ने भारत के प्रत्येक बच्चे को स्वतन्त्र, सुरक्षित, शिक्षित व स्वस्थ बनाने की परिकल्पना पर अपना व्याख्यान दिया। सत्यार्थी ने कहा कि देश में मासूम बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ती जा रही है और इन घटनाओं में अधिकाशं तौर पर कोई परिचित ही आरोपी रहता है।

देश में मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग से अब हर कोई सेक्स संबंधी वीडियो आसानी से देख सकता है, ऐसे में सत्यार्थी ने इससे अपराध बढ़ने की बात कही। साथ ही उन्होंने बढ़ते लैगिंक अपराधों के लिए सेक्स हेल्थ एज्यूकशेन की जरूरत बताई। सत्यार्थी ने देश में बालकोें के संरक्षण के लिए बने कानूनों के बारे में भी जानकारी दी।

इस में व्याख्यान में डीजीपी अजीत सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ती मानव तस्करी की घटनाओं को लेकर पुलिस मुस्तैद है। पुलिस ने बंधुआ मजदूरी के साथ ही अन्य कामों मेें फंसे बच्चोें को मुक्त कराने के लिए साल दर साल अच्छा काम किया है। उन्होंने मुक्त कराए गए बच्चों के पुनर्वास को लेकर चिंता जताई और कोई कार्ययोजना तैयार करने की बात कही। आरपीए सभागार में आयोजित व्याख्यान में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही स्वयं सेवी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। वहीं ओपन सेशन में कैलाश सत्यार्थी ने लोगों के सवालों के जवाब भी दिए।

भारत के प्रत्येक बच्चे को स्वतन्त्र, सुरक्षित, शिक्षित व स्वस्थ बनाने की परिकल्पना को लेकर आयोजित व्याख्यान में देश के मौजूदा हालातों पर मंथन भी हुआ और सभी ने एक सुर में बच्चों के संरक्षण को लेकर शपथ भी ली। लेकिन बच्चों के पुनर्वास को लेकर कोई प्रभावी कार्ययोजना तैयार नहीं होने से बाल संरक्षण कोरा दिखावा ही साबित होकर रह गया।

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