नूंह जिले के 142 गांवों में सरकार बांटेगी नि:शुल्क 1.74 लाख कीटनाशक मच्छरदानियां

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 11 अक्टूबर 2017, 2:32 PM (IST)

चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार वैक्टर जनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए नूहं जिले में 1.74 लाख कीटनाशक मच्छरदानियां नि:शुल्क बांटी जाएगी। इसके लिए उच्च जोखिम युक्त 142 गांवों का चयन किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मच्छरदानियां मंगवा ली गई हैं और शीघ्र ही इसे लोगों के घरों तक पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पास होने के कारण गत वर्षों के दौरान मेवात क्षेत्र में मेलेरिया के मामले राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक पाये जाते रहे हैं। इसलिए इस वर्ष मेवात क्षेत्र के लोगों को इन बीमारियों से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके आधार पर हमने केन्द्र सरकार को मच्छरदानियों के लिए मांग भेजी थी।
विज ने बताया कि इसके अतिरिक्त नूहं जिले में मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू तथा अन्य रोगों हेतु रक्त की तुरन्त जांच के लिए 72 हजार आरडीटी किट भेजी गई है। इससे 15-20 मिनट में रिपोर्ट मिल जाती है, जिससे प्रभावित व्यक्ति का उपचार शीघ्र करने में सहायता मिलती है। ऐसी किट पलवल तथा यमुनानगर जिलों के प्रभावित क्षेत्रों में भी आवश्यकतानुसार भेजी गई है। उन्होंने बताया कि नूहं जिले के सर्वाधिक जोखिम युक्त 41 गांवों के तालाबों तथा उजीना डे्रन में गमबुजिया मच्छलियां छोड़ी गई है, जोकि तालाबों के किनारे पनपने वाले मच्छरों का लारवा खा जाती है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के फलस्वरूप इस वर्ष अभी तक मलेरियां, डेंगू तथा चिकनगुनियां के केसों में भारी कमी दर्ज की गई है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष नूहं जिले में मेलेरिया के मामलों में 28 प्रतिशत तक कमी आई है, जबकि पूरे प्रदेश में 38 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा, प्रदेश में इस वर्ष डेंगू के मामले 15 फीसदी तक कम हुए है तथा चिकनगुनियां के मात्र 2 केस सामने आये है, जबकि गत वर्ष इसके 704 मामले पाये गए थे। राज्य में अभी तक वैक्टर जनित रोगों के कारण कोई मौत दर्ज नही हुई है।

विज ने कहा कि चिकित्सकीय कार्यों के लिए पलवल तथा नूहं जिलें में 50 एमपीएचडब्ल्यू, 10 एमपीएचएस तथा चिकित्सकों की ड्यूटी रोटेशन में लगायी गई है। इसके अलावा, वैक्टर जनित रोगों के विषय में लोगों जागरूक करने के लिए 26 डॉक्टर्स, 28 आयुष चिकित्सक, 10 सीडीपीओ व सुपरवाईजर तथा 667 आशा वर्कस को प्रशिक्षण दिया गया है।

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