जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और जस्टिस रामचंद्र सिंह झाला की खंडपीठ ने जोधपुर एयरपोर्ट विस्तार के लिए 2.18 एकड़ जमीन की अवाप्ति का नोटिफिकेशन राज्य सरकार के स्तर पर ही जारी करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया था कि यह जमीन केंद्र सरकार को उपयोग के लिए चाहिए, इसलिए नोटिफिकेशन केंद्र सरकार के स्तर पर ही जारी होगा। इस मामले में अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी।
गौरतलब है कि एयरपोर्ट विस्तार के लिए विनायकिया गांव के खसरा संख्या 2 में स्थित 2.18 एकड़ निजी जमीन को अवाप्त किया जाना है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने गत 2 अगस्त को ही 1 करोड़ 19 लाख 90 हजार रुपए स्वीकृत कर दिए थे, यह राशि रक्षा मंत्रालय के संपदा विभाग के पास पड़ी है।
कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा आया कि एयरपोर्ट विस्तार के लिए निजी जमीन की अवाप्ति प्रक्रिया और नोटिफिकेशन किसके स्तर पर जारी होगा। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार अधिवक्ता श्याम पालीवाल ने बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया राज्य सरकार की बजाय केंद्र सरकार द्वारा की जानी है। इसके समर्थन में उन्होंने भूमि अवाप्ति के वर्ष 2013 के एक्ट का हवाला भी दिया।
दूसरी ओर वरिष्ठ अधिवक्ता एमएस सिंघवी ने तर्क दिया कि जमीन राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में स्थित है, इसलिए इसे राज्य सरकार ही अवाप्त करेगी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने राजेंद्र नगर आदर्श गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड बनाम राजस्थान के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को इंगित करते हुए कहा कि भूमि अवाप्ति एक्ट 1894 2013 के वर्तमान एक्ट के प्रावधान के अनुसार स्पष्ट किया जाता है कि इस मामले में राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाना उचित है।
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