शिमला | हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस
सरकार ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में एक
फीसदी की कमी की है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक
में यह निर्णय लिया गया। गुजरात और महाराष्ट्र के बाद हिमाचल प्रदेश वैट
में कटौती करने वाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। गुजरात और हिमाचल
प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव होनेवाला है।
एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर 27 फीसदी वैट लगता है, जिसमें 1 फीसदी की कटौती की गई है।
मंत्रिमंडल
की बैठक में हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट 1972 में छूट
देने का फैसला किया गया, ताकि धार्मिक संस्थानों को बिक्री, उपहार या किसी
अन्य साधन के माध्यम से अधिशेष भूमि के निपटान की अनुमति दी जा सके,
हालांकि इसमें शर्त यह रखी गई है कि जमीन का हस्तांतरण किसानों को ही किया
जाएगा।
लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए
सरकार ने 12 में से 10 जिलों में मोबाइल मेडिकल इकाई संचालित करने का फैसला
किया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दूर होने के कारण
किन्नुर और लाहौल-स्पीति जिलों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में शामिल नहीं
किया गया है।
मंत्रिमंडल ने इसके अलावा राज्य मानवाधिकार आयोग की
स्थापना का फैसला किया है, जिसके अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के
पूर्व मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला होंगे और राज्य लोक सेवा आयोग के पूर्व
अध्यक्ष तथा पूर्व पत्रकार के.एस. तोमर इसके सदस्य होंगे।
आईएएनएस
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