नोटबंदी, जीएसटी के कारण आईएमएफ ने घटाई भारत की अनुमानित विकास दर

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 10 अक्टूबर 2017, 10:52 PM (IST)

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की अनुमानित विकास दर वित्त वर्ष 2018 के लिए कम कर दी है। आईएमएफ ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण भारत की विकास दर में गिरावट आएगी और वह चीन से इस मामले में पिछड़ जाएगा। हालांकि, आईएमएफ ने कहा है कि इन आर्थिक सुधारों की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था फिर रफ्तार पकड़ेगी। आईएमएफ के वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक के हालिया अंक में भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार का अनुमान वित्त वर्ष 2018 में 6.7 प्रतिशत रखा है, यह पहले 7.2 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2019 में भी भारत की जीडीपी का अनुमान 7.7 प्रतिशत से घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है।

आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा, भारत में विकास दर में सुस्ती आई है, जिसका कारण सरकार द्वारा करंसी में बदलाव (नोटबंदी) और साल के बीच में लागू किया गया आर्थिक सुधार जीएसटी है, जिससे अनिश्चितता की स्थिति बनी। जीएसटी को 1 जुलाई से लागू किया गया था। भारत की विकास दर में सुस्ती के बीच वैश्विक ग्रोथ बढ़ेगी और चीन तेजी से बढ़ते हुए भारत को पछाड़ 6.8 प्रतिशत की विकास दर पकड़ेगा। भारत चीन से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा वित्त वर्ष 2019 में फिर हासिल कर लेगा।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

वित्त वर्ष 2019 में चीन की अनुमानित विकास दर 6.5 प्रतिशत होगी। वर्ल्ड इकॉनमी की बात करें तो 2017 में यह 3.6 प्रतिशत और 2018 में 3.7 प्रतिशत होगी। यह अनुमान आईएमएफ के पिछले अनुमान से 0.1 प्रतिशत ज्यादा है। भारत की जीडीपी ग्रोथ जून तिमाही में 3 साल के निचले स्तर पर गिर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गई जिससे वित्त वर्ष के अनुमानों में भी गिरावट आई है। इससे पहले विश्व बैंक भी भारत की अनुमानित विकास दर को 7.2 प्रतिशत से कम कर 7 प्रतिशत कर चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक भी देश की विकास दर के अनुमानों को 7.3 प्रतिशत से कमकर 6.7 प्रतिशत कर चुका है। आईएमएफ ने कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स को वित्त वर्ष 2018 में 3.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019 में 4.9 प्रतिशत रखा है।

ये भी पढ़ें - श्मशान में सजी महफिल, बार-बालाओं ने लगाए ठुमके