जयपुर। सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने मंगलवार को बताया कि राज्य की समस्त क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों लगातार दो वर्षों तक वैधानिक ऑडिट विभागीय लेखा परीक्षकों द्वारा कराने का निर्णय किया गया है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था एक अप्रेल, 2018 से लागू होगी।
किलक ने बताया कि क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों में नियमित निगरानी एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए कोई नियामक संस्था नहीं होने के कारण इन सोसायटियों द्वारा प्राप्त की जा रही जमाओं एवं दिए जा रहे ऋणों की सुरक्षा के उपायों की पारदर्शी एवं स्वतंत्र जांच नहीं हो पा रही थी। उन्होंने बताया कि आमजन द्वारा इन सोसायटियों में जमा की गई पूंजी के दुरूपयोग एवं ह्रास को रोकने के लिए सहकारिता कानून के प्रावधानों के अन्तर्गत यह व्यवस्था की गई है।
रजिस्ट्रार एवं प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 54 के तहत आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस व्यवस्था से आगामी लगातार दो वर्षों तक विभागीय लेखा परीक्षकों द्वारा ऑडिट किया जाएगा। उसके उपरान्त सोसायटी दो वर्षों तक अपने स्तर पर ऑडिट कराने के लिए स्वतंत्र होगी।
कुमार ने बताया कि इस प्रावधान से इन सोसायटियों द्वारा किए जा रहे वित्तीय संव्यवहारों की गहन जांच संभव हो सकेगी तथा जिससे सोसायटियां आमजन की पूंजी के दुरूपयोग नहीं कर पाएंगी। उन्होंने बताया कि आमजन में जमाएं स्वीकार कर सकने वाली संस्थाओं की जानकारी तथा उनके बारे में शिकायत करने के लिए विभागीय वेबसाईट www.rajcooperatives.nic.in पर एक लिंक www.sachet.rbi.org.in दिया गया है। इस लिंक पर जाकर ऎसी जानकारी तथा शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
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