सरदार सरोवर बांध जानें क्यों है खास, पटेल का अधूरा सपना मोदी ने किया पूरा

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 17 सितम्बर 2017, 10:41 AM (IST)

केवड़िया/अहमदाबाद। सरदार सरोवर बांध का सपना सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देखा था, जिसको आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन को बेहद यादगार बनाते हुए पूरा कर दिखाया है। यानि 56 साल के लंबे अंतराल के बाद ये बेसब्री खत्म हुई है। जिसके बाद गुजरात के साथ साथ पूरा देश आज खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।प्रधानमंत्री ने भी इस डैम की शुरूआत के लिए आज अपने 67 वें जन्मदिन को चुना।और पूजा पाठ के साथ इस डैम का उद्घाटन किया।

आपको बता दें कि इस बांध से ना केवल किसानों के सिंचाई का साधन बनेगा बल्कि बिजली उत्पादन में भी खासा मददगार साबित होगा। बिजली उत्पादन का फायदा गुजरात के साथ-साथ महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को भी भरपूर मिलेगा। गुजरात,मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के तमाम गांवों के अलावा राजस्थान के दो जिलों बाड़मेर और जालौर के गांवों में भी इसका फायदा मिलेगा।

इससे पहले पानी की समस्या के चलते किसान अपनी तमाम मेहनत के बावजूद अच्छी फसल का लाभ नहीं ले पाता था। इस कमी को सरदार पटेल ने समझा और उन्हें इसकी जरूरत महसूस हुई।उन्होंने आधारशिला भी रखी लेकिन साल 1961 में नेहरू ने इसका शिलान्यास किया। आज 56 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका सपना हकीकत में बदल दिया है।

ये बांध नर्मदा नदी पर बनाया गया है और देश का अब तक का सबसे ऊंचा बांध है। बात करें तो इसकी मौजूदा जलस्तर 128.8 है। सरदार सरोवर बांध की जल भंडारण क्षमता 4,25,780 करोड़ लीटर है।इसमें कुल 30 गेट बनाए गए है।वही बांध से 10 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

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हालांकि कई अड़चनें भी इस दौरान आई लेकिन काम रूक रूक कर ही सही चलता रहा और आज इसे प्रधानमंत्री देश को समर्पित कर दिया है। इसका निर्माण साल 1987 से शुरू हो गया था।इसमें 65 हजार करोड़ की लागत आई है।क्रंकीट के इस्तेमाल के हिसाब से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
वैसे आपको ये भी बता दें कि बांध के 30 गेट के खुलने के साथ ही मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के कई गांवों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा ।

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