ऋतु भार्गव, मेरठ।चुनावी
रंजिश को लेकर फलावदा के सनौता गांव में दो पक्षों में जमकर लाठी डंडे
और पथराव के साथ गोलियां चली, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई, मरने वाले दोनों
ही लोग सगे भाई है, क्षेत्र में हुए दो मर्डर से क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई,
और एसएसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गई और स्थिति को काबू में
किया।
एसएसपी
की मानें तो फलावदा के सनौता गांव में कुरैशी बिरादरी की संख्या ज्यादा है,
जिसके चले परधानी के चुनाव को लेकर दो पक्ष बने हुए है और दोनों पक्षों
में चुनावी रंजिश हो गई थी, तब से दोनों पक्षों में वर्चस्व की लड़ाई चल रही
थी, लेकिन आज गांव में कार की पार्किंग को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा हो
गया और परिवारों के बीच हुए मामूली विवाद के बाद दोनों पक्षों की ओर से
ताबड़तोड़ फायरिंग हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इसी बीच कई लोगों घायल
हो गए, कई घरों पर हमला बोलकर तोड़फोड़ भी कर दी।
देर रात तक एसएसपी मंजिल
सैनी दहल तमाम थानों की फोर्स के साथ मौके पर मोर्चा संभाले रही, एसएसपी की
मानें तो गोलीबारी में दिलशाद और उसके भाई मनसाद ने आरोपी पक्ष के घर के
सामने मारूती कार खड़ी कर दी थी। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद हो
गया और दोनों ही पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों ओर से हुई ताबड़तोड़
फायरिंग में दिलशाद और मनसाद की मौत हो गई और पथराव में कई लोगों के घायल
हो गए, फिलहाल इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है
जबकि एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन क्षेत्र में हुए डबल मर्डर
से लोग सकते में आए गए है, इलाके में दहशत का भी माहौल है, फ़िलहाल पुलिस
आरोपियों के घरों में सर्च अभियान चला रही है और आरोपियों की धरपकड़ के लिए
कई टीमें बनाकर दबिश भी दी जा रही है।
सबसे
हैरत की बात ये है कि घटना को सम्प्रादायिक बनाकर तूल देने की कोशिश की गई,
और इस सूचना मेरठ में हड़कंप मच गया, सूचना आग की तरह फ़ैल गई और हर को
फलावदा के हाल जानने की कोशिश में लग गया, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने समय से
मौके पर पहुंचकर मामले को अपने कंट्रोल में किया और तीन गैर मुस्लिमों के
साथ 4 मुस्लिमों के नाम अपनी एफआईआर में दर्ज किये, जिससे साबित हो गया गया
कि सम्रप्रदायिक जैसी कोई घटना नहीं है, घटना चुनावी रंजिश से जुड़ी है, चुनाव
में नॉर्मली दलित परिवार एक प्रत्याशी के साथ रहते है, जिससे दलितों और
दूसरे लोगों में मनमुटाव बन जाता है, लेकिन मुस्लिमों का एक पक्ष पूरी तरह से
दलितों के फेवर में होता है,जिससे इस तरह की घटना केवल दो पक्षीय होती
है न कि सम्प्रादायिक। ऐसे में देखना होगा कि इस तरह की अफवाह फ़ैलाने वालों पर भी
कोई कार्रवाई होगी या नहीं।
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