गुरुग्राम। गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के प्रद्युम्न हत्याकांड ने देशभर को झकझोर कर रख दिया। बेटे को इंसाफ दिलाने की जंग लड़ रहे पिता का कहना है कि इसमें साजिश की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड को अकेले बस कंडक्टर अशोक ने अंजाम नहीं दिया है, बल्कि इसमें कई और लोग शामिल हैं। इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रद्युम्न हत्याकांड की सीबीआई जांच का ऐलान कर दिया है। प्रद्युम्न के शोकसंतप्त परिवार से मिलने के बाद शुक्रवार को खट्टर ने पत्रकारों से कहा कि सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की बर्बर हत्या की जांच सीबीआई करेगी। खट्टर ने यह भी घोषणा की कि सरकार गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के प्रशासन को भी अपने हाथ में लेगी। प्रद्युम्न यहीं पढ़ता था।
उन्होंने कहा कि हत्या की जांच जो हरियाणा पुलिस कर रही है, वह अब सीबीआई करेगा। उन्होंने कहा की गुरुग्राम प्रशासन तीन महीने तक स्कूल का अधिग्रहण करेगा। खट्टर ने कहा कि रायन स्कूल की घटना अतिनिंदनीय है। इससे लोगों में भारी
रोष है। खट्टर ने कहा कि लोगों की मांग को देखते हुए सरकार सीबीआई जांच को
तैयार है। शाम को जांच एजेंसी को इस संबंध में पत्र भेजा जाएगा। कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न की आठ सितंबर को बाथरूम में गला काटकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। बस के एक कंडक्टर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
इधर, प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि इस हत्याकांड में साजिश की बू आ रही है। ऐसा लग रहा है कि सब कुछ काफी सोच-विचारकर किया गया है। हत्यारे के पास पहले से ही चाकू था। वह बच्चों के बाथरूम में था, जहां उसे नहीं होना चाहिए। वह हत्या के बाद चाकू वहीं फेंक देता है। इतना बड़ा चाकू लेकर वह आराम से स्कूल में कैसे घूम रहा था। बाथरूम की खिडक़ी की ग्रिल कटी पाई गई है। आरोपी कंडक्टर अशोक अब बयान भी बदल रहा है। उसके बयानों में विरोधाभास है। ये सारी चीजें साजिश की तरफ इशारा करती हैं। वह आगे कहते हैं, वह शख्स इस बात से डर सकता है कि बच्चे ने उसे गलत हरकत करते हुए देख लिया, वह सबको इसके बारे में बता देगा, लेकिन क्या वह हत्या के बाद के परिणामों के बारे में सोचकर नहीं डरा कि उसे फांसी हो सकती है। अगर अशोक ही हत्यारा है, तो वह हत्या के बाद भागा क्यों नहीं? यह पूछने पर कि क्या उनका बेटा किसी आपसी रंजिश का शिकार तो नहीं हुआ?
वरुण आश्वस्त होकर कहते हैं, मुझे नहीं लगता कि यह आपसी रंजिश का मामला है। मेरी किसी से कोई रंजिश नहीं है और बच्चों ने भी कभी किसी तरह की शिकायत नहीं की। इस पूरे घटनाक्रम में स्कूल प्रबंधन पर गाज गिरी है। स्कूल के कई स्टाफकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना में स्कूल की जूनियर सेक्शन इंचार्ज अंजू मैडम अछूती नहीं रही। इस मामले में अंजू के बर्ताव और भूमिका के बारे में पूछने पर प्रद्युम्न के पिता कहते हैं, यह तो अंजू मैम ही बेहतर बता सकती हैं। हो सकता है कि उन्होंने हड़बड़ी में बच्चे की ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया हो और बच्चे को अस्पताल लेकर भागी हों। उनकी भूमिका के बारे में कुछ नहीं कह सकता, लेकिन बर्ताव संतोषजनक नहीं रहा।
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यह पूछने पर कि क्या उन्हें इस हत्याकांड में अशोक के अलावा और भी लोगों पर
शक है? इसका जवाब देते हुए वह कहते हैं, अगर मैं बोल रहा हूं कि सिर्फ
अशोक इसमें शामिल नहीं हो सकता, तो इसका मतलब यही है कि कुछ और लोग भी हैं।
स्कूल की तरफ से लीपापोती की कोशिश और पुलिस की जांच आगे न बढ़ती देखकर
हमने सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला लिया। बेटे को न्याय दिलाने के लिए
कानूनी लड़ाई लड़ रहे प्रद्युम्न के पिता वरुण चंद्र ठाकुर का कहना है कि
उसके बेटे के साथ जो कुछ हुआ, वह किसी और के बच्चे के साथ न हो। इसके लिए
सख्त कानून बने, मगर यह कानून प्रद्युम्न के नाम पर ही बने, ऐसी चाहत नहीं
है।
प्रद्युम्न के पिता वरुण 8 सितंबर को याद करते हुए कहते हैं,
मैं बेटे को पहुंचाकर घर लौटा ही था कि मेरे पास स्कूल से फोन आया कि आपका
बेटा बाथरूम के पास गिरा हुआ पाया गया है, उसके बदन से काफी खून बह रहा है।
मुझे लगा कि चोट लगने पर थोड़ा-बहुत खून बह रहा होगा, सोचा भी नहीं था कि
मेरे बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। वरुण ने कहा इस पूरे मामले में
स्कूल की लापरवाही सामने आई है। स्कूल ने शुरू से ही ऐसा बर्ताव किया,
जैसे यह कोई छोटी-मोटी घटना हो। इस घटना की पूरी जवाबदेही स्कूल प्रबंधन की
बनती है। वरुण कहते हैं कि उनकी ऐसी कोई चाहत नहीं है कि उनके बेटे के नाम
पर कानून बने। वह सिर्फ यह चाहते हैं कि देश के सभी स्कूलों में बच्चे
सुरक्षित रहें, यह सुनिश्चित हो।
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