अमरीष मनीष शुक्ल, इलाहाबाद। पूरब के आक्सफोर्ड यानी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक बार फिर
छात्रसंघ चुनाव का बिगुल बज गया है। दिल्ली के बाद अब पूरे देश की नजरें
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ पर होंगी। क्योंकि मौजूदा समय में यहां
उपाध्यक्ष पद छोड़कर, अध्यक्ष पद समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर अखिल भारतीय
विद्यार्थी परिषद का कब्जा है। ऐसे में इस चुनाव में राजनैतिक दल अपनी
पर्दे के पीछे से ताकत दिखाना नहीं भूलेंगे।
फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन के साथ हुई लंबी वार्ता में
14 अक्तूबर को चुनाव कराने पर सहमति बन गई है। प्रॉक्टर प्रो. रामसेवक
दूबे ने बताया कि इसी सप्ताह अधिसूचना जारी की जायेगी। इसकी तैयारी चल रही
है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के साथ हुई वार्ता सफल रही है और 14 अक्टूबर को
चुनाव कराने पर सहमति बनी है।
इस समय पूरे इलाहाबाद में चुनाव प्रचार चल रहा है। छात्र नेताओं ने अपनी
पूरी ताकत झोंक दी है। कैंपस से लेकर हास्टल और लाॅज में देर रात तक
राजनैतिक सरगर्मी उफान पर है। कैंपस व छात्रावासों में संदिग्ध गतिविधियां
भी बढ़ चुकी है। कैंपस और आसपास का इलाका छात्रनेताओं के फोटोयुक्त पोस्टर,
बैनर, होर्डिंग्स से पट गया है और हर दिन चुनावी जुलूस निकलने लगा है।
इस बीच इलाहाबाद के बड़े व्यापारी, कोचिंग संचालकों की सुरक्षा पुलिस ने बढ़ा
दी है। साथ ही पेट्रोलिंग टीमें लगातार हालात पर नजर गड़ाए हुये है। प्रॉक्टर प्रो.दूबे ने बताया कि सभी छात्र फीस रसीद और आईकार्ड अपने साथ रखें। क्योंकि अब कार्रवाई का दौर शुरू होगा।
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