कृषि विभाग ने उजागर किया निजी विवि. का फर्जीवाड़ा, 20 निजी विवि. के खिलाफ...

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 13 सितम्बर 2017, 7:33 PM (IST)

सत्येंद्र शुक्ला

जयपुर । राजस्थान में निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी का मामला एक बार फिर उजागर हुआ है। निजी विश्वविद्यालयों की यह मनमानी प्रदेश के कृषि विभाग ने उजागर की है और कृषि विभाग की शिकायत पर प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग 20 निजी विश्वविद्यालयों की विभिन्न जांच समितियों के माध्यम से जांच करवा रहा है।
उच्च शिक्षा, तकनीकी एवं संस्कृत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजहंस उपाध्याय के आदेशों के मुताबिक कृषि विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के ध्यान में लाया गया है कि कई निजी विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन इन विश्वविद्यालयों के द्वारा आईसीएआर, नई दिल्ली के द्वारा कृषि शिक्षा के लिए निर्धारित न्यूनतम मापदंडों की पालना नहीं की जा रही है।
आदेश के मुताबिक (1).जयपुर नेशनल विश्वविद्यालय, (2).डॉ.के.एन.मोदी विश्वविद्यालय, निवाई, (3). महाराजा विनायक ग्लोबल विश्वविद्यालय,(4) .जेईसीआरसी विश्वविद्यालय, जयपुर, (5).माधव विश्वविद्यालय, पिंडवाडा, सिरोही, (6).मेवाड़ विश्वविद्यालय, चित्तौड़गढ़, (7).संगम विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा,( 8).भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर,(9). ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर, (10).सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय, जयपुर,(11) महात्मा ज्योति राव फूले विश्वविद्यालय, (12). कैरियर पॉाईंट विश्वविद्यालय, कोटा,(13) सिंघानियां विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (झुंझुनूं),(14). श्रीधर विश्वविद्यालय,बिगोदना(झुंझुनूं),(15). टांटिया विश्वविद्यालय, श्रीगंगानगर,(16) आर.एन.बी ग्लोबल विश्वविद्यालय, बीकानेर,(17). सनराईज विश्वविद्यालय, अलवर, (18)यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट जयपुर,(19). महर्षि अरविंद विश्वविद्यालय, जयपुर, (20).भगवंत विश्वविद्यालय अजमेर के खिलाफ जांच चल रही है।
इन सभी निजी विश्वविद्यालयों की जांच के लिए सरकारी कृषि विश्वविद्यालयों के प्रोफसरों और शिक्षकों की तीन-तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। यह समिति अपनी हर निजी यूनिवर्सिटी की अलग-अलग रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी ।




आगे देखिये आदेशों की कॉपी...

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