कैथल में धान की बंपर फसल होने की उम्मीद

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 13 सितम्बर 2017, 2:04 PM (IST)

नवीन मल्होत्रा ,कैथल। देश भर में धान के कटोरे के नाम से मशहूर जिला कैथल में धान की बम्प्पर फसल होने की उम्मीद को लेकर किसानों में भारी ख़ुशी की लहर देखी जा रही है। कैथल जिला के अधिकतर किसान अपने खेतों में धान की खेती करते हैं और किसानों द्वारा अपने खेतों में उगाई जाने वाली धान की फसल में ज्यादातर बासमती किस्म का धान होता है।कैथल जिला के किसानों की धान की फसल को राइस एक्सपोर्टर द्वारा प्राथमिकता के आधार पर ख़रीदा जाता है। राइस एक्सपोर्टर यहाँ के बासमती धान को अच्छे दामों पर भी खरीद करते है। क्योंकि विदेशों में कैथल जिला के धान से निकला जाने वाला चावल अपनी लम्बाई, मिठास और निराले स्वाद के कारण उसकी काफी ज्यादा मांग रहती है। इस बार मौसम अच्छा रहने और समय समय पर बरसात के होने से खेतों में धान की काफी अच्छी फसल खड़ी है और धान की फसल में इस बार कोई खास बीमारी का प्रकोप नहीं हुआ है। इस कारण इस बार धान का अच्छा उत्पादन होने की पूरी उम्मीद है।


कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ रमेश वर्मा और नेशनल पुरस्कार विजेता प्रगतिशील जैविक खेती करने वाले किसान राजेश शिकंदरखड़ी ने कहा कि कैथल जिला के किसानों में इस बार खेतों में खड़ी शानदार धान की फसल को देखकर काफी ख़ुशी है। उन्होंने कहा कि भगवान की कृपा से इस बार मौसम काफी ठीक रहा और धान की खेती की जरुरत के अनुसार बरसात भी होती रही। इस कारण खेतों में धान की बहुत अच्छी फसल खड़ी है, उन्होंने कहा कि धान की फसल में इस बार कोई बीमारी न लगने से किसानों को फसली दवाइयों पर खर्च करने से भी बचत हुई है।



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उन्होंने कहा कि किसानों को अंधाधुन्द फसली खादों और दवाइयों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। किसानों को कृषि वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों की सलाह के बिना फसली दवाइयों और खादों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें नुकसान हो सकता है।प्रगतिशील जैविक खेती करने वाले किसान राजेश सिकन्दर खेड़ी ने कहा कि किसानों को अपने खेतों में जहर का प्रयोग करने पर रोक लगाकर जैविक खेती की और रुझान करना चाहिए जिससे जमीन की ताकत को बढ़ाया जा सकता है और इंसानों को बीमारियों से बचाया जा सकता है।

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