पीएम मोदी, रमन के बाद अब शिवराज सिंह भी रेडियो पर

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 14 अगस्त 2017, 07:53 AM (IST)

भोपाल। देश की सियासत में आ रहे बदलाव और संवाद के तौर-तरीकों में चल रही प्रतिस्पर्धा के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अब रेडियो के जरिए सीधा संवाद करने लगे हैं। उन्होंने कार्यक्रम का नाम ‘दिल से’ रखा है। उन्होंने रविवार को अपने इस कार्यक्रम की शुरुआत किसानों से संवाद करके की। शिवराज ने किसानों के श्रम को सराहा और उनकी बेहतरी के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा भी दिया।

‘दिल से’ कार्यक्रम राज्य के सभी आकाशवाणी केंद्रों से शाम छह बजे प्रसारित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्ममंत्री भावांतर भुगतान योजना, कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर्स योजना, किसानों की संतानों के लिए कृषक उद्यमी योजना लागू की जाएगी। डिफाल्टर किसानों के लिए समाधान योजना और मुख्यमंत्री सोलर पम्प लागू किए जाने की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि अगले तीन माह में सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारे और सीमांकन प्रकरणों का निराकरण हो जाएगा। इसके बाद तीन माह से अधिक पुराने प्रकरण की जानकारी देने वाला पुरकृस्त होगा। संबंधित राजस्व अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि भावांतर योजना के द्वारा किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। उन्होंने बताया कि शीघ्र ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिसमें प्रति वर्ष खसरा की नकल की प्रतिलिपि नि:शुल्क किसानों को उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर्स योजना जल्द शुरू की जाएगी, जिसमें युवाओं को 25 लाख रुपये के केंद्र की स्थापना पर 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।

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चौहान ने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने का रोडमैप तैयार कर लिया है, जिसे हर जिले के किसानों के साथ साझा किया जा रहा है। इसमें पांच बिंदुओं- कृषि लागत में कमी, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, कृषि विविधीकरण, उत्पादन का लाभकारी मूल्य और कृषि के जोखिम या आपदाओं में बेहतर राहत की व्यवस्था करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों को सलाह दी कि वे वैज्ञानिक आधार पर बीज दर के अनुसार बुवाई करें, पशुपालन को बढ़ावा दें।

विगत दिनों प्याज के मूल्यों में आई गिरावट का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि भविष्य में प्याज ठीक मूल्य पर बिके, इसके लिए प्याज के भंडारण में मदद की योजना तैयार की गई है। इसमें किसानों को 50 मीट्रिक टन क्षमता वाले भंडार गृह बनाने पर 50 प्रतिशत पौने दो लाख रुपये अनुदान राशि के रूप में मिलते हैं।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह ‘मन की बात’ करते हैं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ‘रमन की गोठ’ से संवाद करते हैं, उसी तरह अब शिवराज भी ‘दिल से’ में अपने दिल की बात कहेंगे, भले ही मेधा पाटकर सहित प्रदेश की जनता उनके दिल की बात अच्छी तरह जानते हों।

--आईएएनएस

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