भ्रूण लिंग जांच करते डाॅक्टर सहित दो दलाल गिरफ्तार

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 13 अगस्त 2017, 7:48 PM (IST)

जयपुर/श्रीगंगानगर । राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ ने रविवार को श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में डिकॉय कार्रवाई कर भ्रूण लिंग जांच करवाते एक आरएमपी डॉक्टर और दो दलालों को गिरफ्तार किया है। श्रीराम हॉस्पीटल में की गई इस डिकॉय कार्रवाई में उपयोग लिये गये 40 हजार रुपये आरोपियों से जब्त कर सोनोग्राफी सेंटर की मशीन को सीज कर दिया गया है। पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन के निर्देशन में की गई इस डिकॉय कार्रवाई में सोनोग्राफी मशीन में लगे एक्टिव ट्रेकर को भी जब्त कर लिया गया है।
निदेशक नवीन जैन ने बताया कि श्रीगंगानगर जिले के सीमावर्ती इलाके में भ्रूण लिंग जांच की शिकायत मिली। गिरोह की जानकारी जुटाकर मुखबिर के माध्यम से घड़साना के भगतसिंह कॉलोनी निवासी आरएमपी चिकित्सक हरपाल सिंह से संपर्क साधा गया। उन्होंने बताया कि हरपाल सिंह ने भ्रूण लिंग जांच करने की एवज में 40 हजार रुपए मांगे और जांच के लिए 16 अगस्त को घड़साना बुलवाया। अचानक दलाल हरपाल ने शनिवार को डिकाॅय दल सदस्य से सम्पर्क किया और 13 अगस्त को ही गर्भवती महिला को घड़साना लेकर आने की बात कही। उन्होंने बताया कि डिकाॅय दल ने रविवार को घड़साना में डिकाॅय गर्भवती महिला को दलाल के पास भेज दिया।
दलाल हरपाल बांवरी ने गर्भवती महिला को अनूपगढ़ मार्ग पर गुरुद्वारे के पास बुलाया और गर्भवती के पति को साथ नहीं ले जाने की जिद की। उसने गर्भवती महिला के पति से 40 हजार रुपए लिए और गर्भवती महिला को अकेले ही मोटरसाइकिल पर बस स्टेण्ड ले गया। वहां से उसने अपनी पत्नी को भी साथ ले लिया और श्रीराम हॉस्पीटल में डिकाॅय गर्भवती की सोनोग्राफी करवा दी। उन्होंने बताया कि दलाल हरपाल सिंह ने हाॅस्पिटल से बाहर आकर गर्भवती महिला को गर्भ के भ्रूण की जानकारी दी। इसी दौरान डिकाॅय गर्भवती से इशारा मिलते ही टीम ने दलाल आरएमपी चिकित्सक हरपाल सिंह और उसकी पत्नी सिमरन को मौके पर ही पकड़ लिया। इस कार्य में सहयोगी रहे श्रीराम हॉस्पीटल के नर्सिंग स्टाफ बुधराम नायक सहित तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
जैन ने बताया कि श्रीराम हॉस्पीटल एवं सोनोग्राफी सेंटर के संचालक ईश्वर चंद मित्तल से कड़ी पूछताछ की गयी है और उपयोग में ली गयी सोनोग्राफी मशीन ट्रेकर को जब्त कर मशीन को सीज कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि सेंटर संचालक की भ्रूण लिंग जांच में भूमिका की जांच के लिए एक्टिव ट्रेकर में दर्ज हुए रिकाॅर्ड की जांच विशेषज्ञों द्वारा की जायेगी। पीसीपीएनडीटी अधिनियम की पालना में राज्य में अब तक 83 डिकॉय ऑपरेशन किए जा चुके हैं।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे