मिदनापुर। सुसाइड गेम ब्लू व्हेल ने एक ओर बच्चे की जान ले ली है। पश्चिम
बंगाल के मिदनापुर जिले में 10वीं क्लास के एक छात्र ने बाथरुम में जाकर
आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। हालांकि, बच्चे की जान ब्लू व्हेल
गेम के कारण ही गई है या नहीं, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।
लोगों
के मुताबिक आनंदपुर शहर का छात्र अंकन देव ब्लू व्हेल चैलेंज के तहत आखिरी
पड़ाव पर पहुंच चुका था। अंकन के एक दोस्त ने बताया कि वह कई दिन से ब्लू
व्हेल चैलेंज गेम को खेल रहा था। उसने खुद को बाथरुम में बंद करके अपने सिर
को प्लास्टिक से कस कर बांध लिया जिससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई। बताया
जा रहा है कि बच्चा स्कूल से आने के बाद अपने कम्प्यूटर के आगे बैठ गया।
जब
मां ने उसे खाने के लिए बुलाया तो उसने कहा कि पहले वह नहाएगा। इसके बाद
बाथरुम में जाकर उसने आत्महत्या कर ली। जब काफी देर तक वह बाथरुम से नहीं
निकला तो परिवार वालों ने दरवाज तोडऩे पर उसे नीचे गिरा हुआ पाया। बच्चे को
आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया पर वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर
दिया।
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आपको बता दें कि इससे पहले एक अगस्त को मुंबई में रहने वाले
14 साल के मनप्रीत सिंह ने भी सातवीं मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी थी।
मनप्रीत ने भी ब्लू व्हेल चैलेंज के आखिरी डेयर को पूरा करने के लिए अपने
अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल से छलांग लगा दी थी।
खूनी खेल ब्लू
व्हेल की शुरुआत रूस से हुई है। मोबाइल और लैपटॉप पर खेले जाने वाले इस गेम
में 50 दिन में रोज सुबह 4.20 बजे जागना, क्रेन पर चढऩा, सुई को हाथ या
पैर में चुभोना जैसे अलग-अलग टास्क मिलते हैं। टास्क पूरा करने के बाद हाथ
पर निशान बनाना पड़ता है। आखिरी स्टेज में आत्महत्या करना पड़ती है। गेम 50
दिन में पूरा होकर ब्लू व्हेल का आकार ले लेता है। रूस पुलिस गेम संचालित
करने वाले बुदेइकिन को गिरफ्तार कर चुकी है।
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