कोलकाता। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री अर्जुन राम
मेघवाल ने शनिवार को कहा कि राजस्व में बढ़ोतरी के साथ वस्तु एवं सेवा कर
(जीएसटी) प्रणाली में करों की दरों के स्लैब में कमी की जाएगी। छूट दी गई
श्रेणी के साथ मौजूदा कर स्लैब 5, 12, 18 और 28 फीसदी है। विभिन्न स्लैब का
बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों की सहमति से नई कर
प्रणाली लागू करने की कोशिश कर रही है और इसे थोपना नहीं चाहती है।
इंडियन
चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र
जीएसटी परिषद में बहुमत के आधार पर निर्णय ले सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया
गया।’’
मेघवाल ने यह भी कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद अब तक 13.2
लाख नए डीलरों ने प्रणाली में अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से 56,000
डीलर पश्चिम बंगाल के हैं, जो सभी राज्यों से अधिक है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले प्रणाली में पंजीकृत डीलरों की कुल संख्या 80 लाख थी।
जीएसटीएन
नेटवर्क को एक ‘उत्तम प्रणाली’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे
लागू करने में शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो रही है, लेकिन यह एक उत्तम
प्रणाली है। यह नई प्रणाली इंस्पेक्टर राज का अंत करेगी, क्योंकि कहीं भी
किसी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होगा और सबकुछ स्वचालित ढंग से होगा। सरकार
जीएसटीएन प्रणाली में सुधार करेगी।’’
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की कंपनियों को किस तरह से उत्पाद शुल्क लाभ दिया जाए, इस बारे में जीएसटी परिषद विचार करेगी।
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बाद
में मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक सत्र में
मंत्री ने कहा कि सरकार ने करीब 1.78 लाख फर्जी कंपनियों की पहचान की है। उन्होंने
कहा कि कॉरपोरेट गवर्नेंस में सुधार के उद्देश्य और कारोबार करने में
आसानी के लिए केंद्र सरकार ने कंपनी अधिनियम और कंपनी (संशोधन) विधेयक में
संशोधन किया है, जिसे लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया है और अगले सत्र में
ऊपरी सदन से पारित होने की उम्मीद है।
प्रत्यक्ष कर देने वालों की
संख्या में वृद्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष 91 लाख नए
करदाताओं को पंजीकृत किया गया है और इसके परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष कर राजस्व
में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सकल घरेलू उत्पाद के विकास पर
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का विकास जारी रहेगा और केंद्र नवीनतम आर्थिक
सर्वेक्षण के सुझावों का अध्ययन करेगा, जिसमें विकास को लेकर कुछ जोखिम की
बात कही गई है।
--आईएएनएस
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