गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (बीआरडी)
में ऑक्सीजन की कमी हुई 36 बच्चों की मौत पर अब राजनीतिक शुरू हो गई है।
कांग्रेस ने इन बच्चों की मौत के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और
सीएम योगी और स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी के कहने पर कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, संजय
सिंह और प्रमोद तिवारी गोरखपुर पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने घटना के लिए
सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना
है। ये राज्य सरकार की नाकामी का नतीजा है। मुख्यमंत्री को माफी मांगनी
चाहिए। जांच के लिए सांसदों की टीम बने और स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा सौंपे।
इसके
अलावा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री
आशुतोष टंडन भी गोरखपुर जाएंगे। सीएम के साथ दोनों मांत्रियों की बैठक हुई
है। वहां से आने के बाद दोनों मंत्री सीएम को घटना की पूरी रिपोर्ट देंगे।
आपको बता दें कि 36 बच्चों की मौत हो चुकी है। शनिवार सुबह इंसेफेलाइटिस से
पीडि़त 11 साल के एक और बच्चे की मौत हो गई।
यह घटना गोरखपुर के
बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है, जहां मरने वालों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और
17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का
भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की
सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी। खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में
62 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी
से इंकार किया है।
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घटना पर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने
कहा कि जो घटना हुई है बहुत ही दुखद है। परिवारों के प्रति मेरी पूरी
संवेदना है। सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और केंद्र सरकार ने
इसकी चर्चा की है कि ऐसे दोबारा घटना ना घटे। ऑक्सीजन की जो कमी हुई है उस
मामले की जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता
महाबल मिश्रा ने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक का इस्तीफा मांगा
है। महाबल मिश्रा ने कहा कि यह कुशासन है। 30 से ज्यादा बच्चों की मौत हो
गई है। इसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं उनके खिलाफ
कार्रवाई हो। योगी और मोदी इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते रहते हैं और
अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है। नैतिकता के आधार पर योगीजी को खुद इस्तीफा
देना चाहिए। केंद्र से लेकर राज्य तक भाषण और दबाव की राजनीति चल रही है।
जातिगत राजनीति चल रही है और जमीनी स्तर पर यह घटना बयां कर रही है कि कोई
काम नहीं हो रहा है।
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