नई दिल्ली। अपने देश में टैलेंट लोगों की कमी नहीं है। पर्याप्त अवसर और
सही दिशा- निर्देश और मार्गदर्शन मिले तो भारत के होनहार पूरी दुनिया को
अपने हुनर का लोहा मनवा सकते है। ओडिशा की एक 14 वर्र्षीय छात्रा ने एक
अनोखी साइकिल बनाई है। इस साइकिल को चलाने के लिए पैडल मारने की जरूरत नहीं
है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह अनोखी साइकिल हवा से चलती है। ये
सिलेण्डर इस साइकिल को 60 किमी तक बिना रुके चला सकता है। पूरी दुनिया
ग्लोबल वार्मिंग जैसी विशायकाय समस्या से लड़ रहा है और ऐसे संसाधनों को
बनाने की कोशिश कर रहा जिससे जैव ईंधन के प्रयोग में कमी आए। इसके लिए पूरा
संसार सोलर ऊर्जा और वायु ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की
कोशिश कर रहा है।
14 साल की तेजस्विनी प्रियदर्शनी को स्कूल जाने
के लिए काफी का सामना करना पडता है। स्कूल दूर होने के कारण वह काफी थक
जाती थी। थकान के कारण पढाई और घर के काम में उसका मन कम लगता था। कई बार
बारिश से भी साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना
पडता था। ऐसे में उसने एक ऐसी साइकिल की खोज की, जो बिना पैडल मारे ही चलती
है। यह एक ऐसी साइकिल है, जो हवा से चलती है। राउरकेला के सरस्वती शिशु
विद्या मंदिर की 11वीं की छात्रा तेजस्विनी की खोज से पूरे राज्य में ख़ुशी
की लहर दौड गई।
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तेजस्विनी के अनुसार उसके मन में तब आया जब वह
साइकिल रिपेयर कराने के लिए दुकान पर गई थी। उसने देखा कि मैकेनिक साधारण
सी एयर गन की मदद से साइकिल के टायरों की गांठें सुलझा रहा था। तो उसने
सोचा कि क्यों ना एयर के इस्तेमाल से साइकिल भी चल सकते है। उसने अपना
विचार पिता नटवर गोच्चायट के साथ साझा किया, जिन्होंने बेटी को प्रेरित
किया और जरूरी सामान दिलवाया।
हवा से चलने वाली साइकिल बनाने के लिए एक
एयर सिलेंडर चाहिए। इस साइकिल 6 गियर लगे हुए हैं। साइकिल में एक
स्टार्टिंग नॉब है। एक सेफ्टी वॉल्व भी है जो अतिरिक्त एयर रिलीज करती है।
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