दो साल से बैल की जगह बेटियों से खेत जोत रहा है यह किसान,जानें क्यों

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 10 जुलाई 2017, 11:25 AM (IST)

सीहोर (एमपी)। देशभर में पिछले कई दिनों से किसान ऋण माफी के लिए आंदोलन कर रहे है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में किसान अपनी मांगों को लेकर सडक़ पर उतरे हुए है। कई राज्यों से किसानों की खुदकुशी की खबरें रोजाना सामने आ रही है। इस बीच मध्यप्रदेश से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिसे पढकर हर किसी का दिल बैठ जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के गृह जिले के ग्राम बसंतपुर पांगरी में आर्थिक तंगी के चलते बैल न खरीद पाने के कारण से एक आदिवासी गरीब किसान अपनी नाबालिग दो बेटियों को बैलों की तरह जोतकर हल चला रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले दो साल से यह किसान ऐसे ही हल जोत रहा है।

किसान सरदार बरेला ने बताया कि वह पिछले दो साल से गरीबी के मारे बैल नहीं खरीद पा रहा है और अपनी दो बेटियों राधा (13) एवं कुंती (9) को बैलों के बदले जोतकर अपने खेत में हल चलाता हूं। बरेला ने कहा कि उसके पास बेटियों को पढ़ाने के लिए पैसे नहीं हैं। शासन की योजनाओं का लाभ उसे नहीं मिल पा रहा है।

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यह मामला कल तब सामने आया, जब सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया। मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में पटवारी को गांव में भेजा गया। प्रशासन ने किसान को हिदायत दी है कि भविष्य में ऐसा न करे। जिला जनसम्पर्क अधिकारी आशीष शर्मा ने कहा कि प्रशासन की जानकारी में मामला मीडिया द्वारा सामने लाया गया है। किसान को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। मैदानी अमला इस गांव में भेजा गया है, वहीं क्षेत्र के पटवारी रामाधार कीर अचानक ग्राम बसंतपुर पांगरी पहुंचे और उन्होंने माना कि इस किसान के पास बैल नहीं हैं।

इसी बीच बालिका राधा एवं कुंती ने बताया कि हम पढऩा चाहते हैं, मगर हमारे पास पैसे नहीं है। काम के लिए पढ़ाई छोड़ दी है। जब पटवारी इस गांव में पहुंचा, तो उस वक्त भी ये दोनों बहनें आज खेत में बैल की जगह जुतकर कार्य करती नजर आई थीं। हालांकि पटवारी ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया।

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