जयपुर।
जैन मुनि सुधा सागर महाराज सांगानेर के ढाई सौ साल पुराने जैन मंदिर की
गुफा से नागराज के बीच जाकर अलौकिक जिन बिंब प्रतिमाओं को अभिषेक के लिए
निकाल कर लाए। इस मौके पर इन प्रतिमाओं के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का
सैलाब उमड़ पड़ा। जैन मुनि 18 साल बाद ये प्रतिमाएं निकाल कर लाएं हैं। 25
जून तक चलने वाले इस महाकुंभ में ब्रह्म मुहूर्त से ही सांगानेर की ओर
श्रद्धालुओं का रेला नजर आ रहा है।
98 जिनबिंब और ताम्र यंत्र खोजे
मुनि
सुधासागर महाराज तलघर में से यक्ष रक्षित जिनालय को निकालने के लिए सुबह
6:30 बजे मंदिर के तलघर के द्वार पर पहुंचे। इस बार मुनिश्री गुफा से 98
जिनबिंब लेकर आए हैं। उन्होंने सर्वप्रथम प्रार्थना की। फिर भूगर्भ में
उतरे। उन्होंने वहां आराधना कर संकल्पबद्ध होकर 25 जून तक के लिए
यक्ष-रक्षित जिन प्रतिमाओं को बाहर लाने की विधिपूर्ण की।
गुफा में जाते ही अर्द्ध बेहोशी की हालत में आ गए थे
मुनिश्री
ने गुफा का रहस्य बताते हुए कहा कि वहां पर आक्सीजन की बहुत कमी है। मेरी
हालत अर्द्ध चेतनता या वेंटिलेटर में रहने जैसी हो गई थी। दल-दल भी पिछली
बार की अपेक्षा अधिक मिला। गुफा में जिस ओर पिछली बार मुझे नागराज मिले थे,
उस ओर मैं गया ही नहीं। उन्होंने कहा, हमारी भी मर्यादा है। इस बार
मूर्तियों के अलावा वहां मुझे बहुत सारे प्राचीन ताम्र यंत्र मिले हैं।
इनके पढ़ने के बाद और रहस्यों के बारे में पता चलेगा।
मुनि सुधासागर
महाराज तलघर में से यक्ष रक्षित जिनालय को निकालने के लिए सुबह 6:30 बजे
मंदिर के तलघर के द्वार पर पहुंचे। इस बार मुनिश्री गुफा से 98 जिनबिंब
लेकर आए हैं। उन्होंने सर्वप्रथम प्रार्थना की। फिर भूगर्भ में उतरे।
उन्होंने वहां आराधना कर संकल्पबद्ध होकर 25 जून तक के लिए यक्ष-रक्षित जिन
प्रतिमाओं को बाहर लाने की विधिपूर्ण की।
मुनिश्री ने गुफा का
रहस्य बताते हुए कहा कि वहां पर आक्सीजन की बहुत कमी है। मेरी हालत अर्द्ध
चेतनता या वेंटिलेटर में रहने जैसी हो गई थी। दल-दल भी पिछली बार की
अपेक्षा अधिक मिला। गुफा में जिस ओर पिछली बार मुझे नागराज मिले थे, उस ओर
मैं गया ही नहीं। उन्होंने कहा, हमारी भी मर्यादा है। इस बार मूर्तियों के
अलावा वहां मुझे बहुत सारे प्राचीन ताम्र यंत्र मिले हैं। इनके पढ़ने के
बाद और रहस्यों के बारे में पता चलेगा।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे